*पंजाबी संस्कृति के प्रसार के लिए गुरुमुखी, गुरबानी और गतके को बढ़ावा दें : हरजीत ग्रेवाल*

8वें विश्व पंजाबी सम्मेलन में संस्कृति के संरक्षण के लिए ग्रेवाल ने की “3जी” की वकालत*

 

चंडीगढ़, 4 अगस्त 2023: वैश्वीकरण और आधुनिकता के युग में  रही चुनौतियों के बीच पंजाबी कल्चरल कौंसिल के चेयरमैन हरजीत सिंह ग्रेवाल ने पंजाब की समृद्ध प्राचीन विरासत के मुख्य स्तंभों के रूप में तीन “गग्गा” (3जी)यानी गुरमुखीगुरबानी और गतकाको बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया ताकि आने वाली पीढ़ियां मूल पंजाबी विरासत से जुड़ी रहें

      उन्होंने यह अवधारणा ब्रैम्पटनटोरंटो में आयोजित 8वें विश्व पंजाबी सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रस्तुत की। अपनी प्रभावशाली प्रस्तुति में राज्य पुरस्कार विजेता ग्रेवाल ने वर्तमान युग में वैश्विक पंजाबी समुदाय के लिए एकताअद्वितीय पहचान और समृद्ध विरासत के एक स्थायी और गौरवशाली प्रतीक के रूप में गुरुमुखी के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक भूमिका के अलावागुरमुखी ने पीढ़ीदरपीढ़ी गुरबानीगुरसिखीसाहित्यकविताज्ञान और बौद्धिकता के संरक्षणप्रचारप्रसार और शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है

      इंटरनेशनल सिख मार्शल आर्ट काउंसिल के अध्यक्ष और वर्ल्ड गतका फेडरेशन के अध्यक्ष ग्रेवाल ने सिख युद्ध कला की समृद्ध विरासत के बारे में बात करते हुए ग्रेवाल ने कहा कि गतका का बड़ा ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि यह पंजाबियों की बहादुरीसाहस और दिलेरी की भावना का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि लगभग 600 साल पुराना यह मार्शल आर्ट पंजाबी संस्कृति का एक अभिन्न अंग है जो दुनिया भर में समुदाय की महानपवित्र और अदम्य भावना का प्रतीक है

      अपने संबोधन में गतका प्रमोटर ग्रेवाल ने वैश्वीकरण की चुनौतियों और युवा पीढ़ी के बीच पंजाबी भाषासांस्कृतिक मूल्यों और परंपराओं के हो रहे नुकसान को देखते हुए तीन मुख्य स्तंभों (गुरमुखीगुरबानी और गतकेको संरक्षित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रौद्योगिकी और उन्नति के इस युग मेंसमुदाय की जड़ों को दृढ़ बनाए रखनेगुरसिखीपंजाबी और पंजाबियत की पहचान को सदैव विद्यमान रखने के लिए मातृभाषा और विरासत का प्रचारपसार करना बहुत महत्वपूर्ण है

      तीन “गग्गा” को बढ़ावा देने की वकालत करते हुएइस सिख बौद्धिक अधिकारी ने कहा कि पंजाबी सांस्कृति में गुरुमुखीगुरबानी और गतका का अटूट संबंध है। इन अमूल्य सांस्कृतिक और आध्यात्मिक खजानों को अपनाना  केवल हमारी विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देना हैबल्कि दुनिया भर के पंजाबियों के बीच अपनेपन और गर्व की भावना को बढ़ाना भी है

      पंजाब की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि पंजाबी संस्कृति के बुनियादी सिद्धांतों को मजबूत करना और लोगों में साहसबहादुरीदृढ़ता और दूसरों के प्रति सम्मान जैसे मूल्य पैदा करना विरासती मार्शल आर्ट में निहित हैं

ग्रेवाल ने प्रवासी समुदाय से सामूहिक रूप से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि ये विरासतसांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्तंभ फलतेफूलते रहें और भावी पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करते रहें। उन्होंने इस सम्मेलन के माध्यम से बौद्धिक आदानप्रदानशैक्षिक पहलसांस्कृतिक गतिविधियों और गतका के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करने के लिए ज्ञान सिंह कंगकमलजीत सिंह लालीप्रोजागीर सिंह काहलोंचमकौर सिंह माछीके और इरविंदर सिंह अहलूवालिया आदि आयोजकों की सराहना की