किसानों को पराली में आग न लगाने के प्रति जागरूक करने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जाए- डिप्टी कमिश्नर

सरफेस सीडर हेतु अधिक से अधिक संख्या में आवेदन का न्योता
जालंधर, 05 सितम्बर
डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने कहा कि किसानों को धान की पराली जलाने से होने वाले नुकसान जैसे गंभीर मुद्दे के बारे में जागरूक करने के लिए गांव स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई वीडियो कॉन्फ्रैंस में भाग लेने के बाद डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि किसानों को धान की पराली जलाने के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाएगा, जो मानव स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि किसानों को पराली जलाने से मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे में भी जागरूक किया जाएगा और यह जागरूकता अभियान इसमें प्रमुख भूमिका निभाएगा।
श्री सारंगल ने कहा कि गांव स्तर पर रोजाना ऐसी बैठकें करके किसानों को पराली जलाने का चलन छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभियान का मुख्य उद्देश्य किसानों को धान की पराली जलाने के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना होगा। उन्होंने कहा कि यह सही समय है कि किसानों को इस खतरनाक प्रवृत्ति को त्यागने के लिए प्रेरित कर पर्यावरण को बचाने के लिए दृढ़ संकल्पित किया जाए।
डिप्टी कमिश्नर ने किसानों को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की वेबसाइट agrimachinerypb.com पर 10 सितंबर तक ऑनलाइन आवेदन करके सरफेस सीडर पर 50 प्रतिशत सब्सिडी का अधिकतम लाभ उठाने का न्योता दिया। उन्होंने बताया कि इस मशीन की कीमत 80,000 रुपये है और अगर किसान इसे व्यक्तिगत रूप से खरीदता है तो इस पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी और इसकी कीमत 40,000 रुपये होगी। उन्होंने कहा कि पंजीकृत किसान समूहों, कस्टम हायरिंग सेंटरों, पंचायतों, सहकारी समितियों, ग्रामीण उद्यमियों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को यह मशीन 80 प्रतिशत सब्सिडी पर उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जालंधर जिले में 200 सरफेस सीडर सब्सिडी पर देने का लक्ष्य रखा गया है और किसानों को सरफेस सीडर के फायदों के बारे में जानकारी देने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा जागरूकता कैंप भी आयोजित किए जाएंगे।