5-6 हजार महीना कमाता हूं… 20 हजार कहां से दूं’, लिख युवक फंदे पर लटका

पंजाब के मोहाली जिले के छज्जूमाजरा कॉलोनी में एक 19 वर्षीय युवक ने गुरुवार की रात अपने कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक के कमरे में पंजाबी में लिखा एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें खरड़ सिटी पुलिस थाने में तैनात हेड कांस्टेबल सुरजीत सिंह और कांस्टेबल हुसनप्रीत सिंह के नाम लिखे हैं। थाना सिटी पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।मृतक के पिता सरबजीत सिंह ने बताया कि उनका बेटा तेग बहादुर सिंह इलेक्ट्रिशन का काम करता था। आत्महत्या के बारे में सुबह तब पता चला जब वह उसके कमरे में पहुंचे। बेटे ने काम पर आने-जाने के लिए साइकिल रखी थी। तीन-चार दिन पहले उसका एक दोस्त किरणव सिंह उसे अपनी मोटरसाइकिल दे गया था और कहा था कि वह कुछ दिन की खातिर बाहर जा रहा है। तब तक वह मोटरसाइकिल चला सकता है। इसके बाद तेग बहादुर सिंह को हेड कांस्टेबल सुरजीत सिंह और कांस्टेबल हुसनप्रीत सिंह ने रोका और मोटरसाइकिल के कागजात दिखाने को कहा। तेग बहादुर ने मोटरसाइकिल में रखी आरसी पुलिस कर्मचारियों को दिखाई तो उन्होंने उसे जाली बताया। तेग बहादुर ने फोन पर अपने दोस्तों को बताया और मदद मांगी। तेग बहादुर के दोस्त उसे उस रात को पुलिसाने से छुड़वा कर ले गए। पुलिस ने तेग बहादुर को अगले दिन असली आरसी दिखाने को कहा। अगले दिन बुधवार को तेग बहादुर अपने दोस्त किरणवीर के पिता के साथ असली आरसी लेकर इन पुलिस कर्मचारियों से मिला लेकिन इन पुलिस कर्मचारियों ने तेग बहादुर को डराया और कहा कि वह उसे आपराधिक केस में फंसा कर जेल भेज देगें। नहीं तो वह उन्हें 20 हजार रुपये दे। इससे वह मानसिक रूप से परेशान हो गया और उसने आत्महत्या कर ली।
उसने सुसाइड नोट में लिखा- पांच-छह हजार महीना कमाता हूं… 20 हजार कहां से दूं
तेग बहादुर ने अपने सुसाइड नोट में दोनों पुलिस कर्मचारियों के नाम लिखे। कहा कि वह पांच-छह हजार रुपये महीना कमाता है। 20 हजार रुपये पुलिसवालों को देना उसके वश में नहीं हैं, इसलिए वह आत्महत्या कर रहा है। उसने सुसाइड नोट में रिश्वत मांगने वाले इन दोनों पुलिस कर्मचारियों को फांसी की सजा देने की मांग की ताकि कोई पुलिस कर्मचारी किसी गरीब से रिश्वत मांगने की हिम्मत न कर सकें। जिसके बाद उसकी मौत हो गई।