हाईकोर्ट ने कहा- पत्रकार निडर होकर कार्य करें, अदालतों का उन्हें सुरक्षित करना जरूरी

चंडीगढ़-प्राइम पंजाब
एक मानहानि मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पत्रकारों को बड़ी राहत दी है। अदालत ने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। पत्रकार स्वतंत्र होकर सत्ता की निगरानी करते हैं। ऐसे में ईमानदारी से निडर होकर काम करें। अदालत का उन्हें सुरक्षित करना जरूरी है।15 साल पुराने मानहानि के मामले में गुरुग्राम की अदालत की ओर से जारी समन आदेश और अन्य कार्रवाई को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पत्रकार निडर होकर ईमानदारी से काम करें, ऐसा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें संवैधानिक अदालतों की सुरक्षा की आवश्यकता होती है। बता दें कि 2008 में तत्कालीन आईपीएस अधिकारी पीवी राठी ने कई अखबारों के संपादकों व विधायक अभय चौटाला के खिलाफ मानहानि की शिकायत गुरुग्राम की अदालत में दी थी। शिकायत के आधार पर सभी के खिलाफ मानहानि को लेकर समन आदेश जारी किए गए थे। इसी आदेश को विधायक अभय चौटाला समेत विभिन्न संपादकों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट गत वर्ष विधायक अभय चौटाला के खिलाफ समन आदेश खारिज कर चुका है। अब सभी संपादकों की याचिका मंजूर करते हुए हाईकोर्ट ने समन आदेश व आगे की कार्रवाई रद्द कर दी है। माननीय हाईकोर्ट ने संपादकों की याचिका का निपटारा करते हुए अपने आदेश में कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और पत्रकार के रूप में रिपोर्टर का पवित्र कर्तव्य नागरिकों के प्रति वफादारी होता है। हाईकोर्ट ने कहा कि पत्रकारिता सभ्यता का दर्पण है और खोजी पत्रकारिता इसका एक्स-रे है। पत्रकार सत्ता की स्वतंत्र निगरानी का कार्य करते हैं और सार्वजनिक प्रणाली में समस्या व खामियों को उजागर करते हैं। स‘चाई को उजागर करने के कार्य को करते हुए कर्तव्यों के निडर पालन में इन बहादुर पत्रकारों को प्रभावशाली दलों, समूहों या सरकारी एजेंसियों आदि का दबाव आदि बाधाओं का सामना करना पड़ता है। ईमानदारी के साथ सही रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए ऐसे पत्रकारों को अदालतों और विशेष रूप से संवैधानिक अदालतों की सुरक्षा की आवश्यकता होती है। अदालतों को ऐसे साहसी लोगों के हितों की रक्षा करते समय अधिक सतर्क और सक्रिय होना चाहिए।