
जजालन्धर-मनवीर सिंह वालिया
डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रीशन डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्म भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार ने बताया कि पेट में अल्सर के सबसे आम लक्षण छाती और नाभि के बीच पेट के बीच में जलन या दर्द होना है। पेट में सुस्त दर्द।वजन घटना।दर्द से खाना नहीं चाहता।उलटी अथवा मितली।सूजनआसानी से भरा हुआ महसूस होना।बेल्चिंग या एसिड रिफ्लक्सपेट में जलन, जो सीने में जलन है)दर्द जो आपके खाने, पीने या एंटासिड लेने पर बेहतर हो सकता। क्या खाना है क्या नहीं
सेब, नाशपाती, दलिया और अन्य खाद्य पदार्थ जिनमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है , अल्सर के लिए दो तरह से अच्छे होते हैं। फाइबर सूजन और दर्द को कम करते हुए आपके पेट में एसिड की मात्रा को कम कर सकता है। शोध से यह भी पता चला है कि फाइबर से भरपूर आहार अल्सर को रोकने में मदद कर सकता है।
दही, मिसो, किमची, साउरक्रोट, कोम्बुचा और टेम्पेह जैसे खाद्य पदार्थ प्रोबायोटिक्स नामक “अच्छे” बैक्टीरिया से भरपूर होते हैं । वे एच. पाइलोरी संक्रमण से लड़कर या उपचार को बेहतर ढंग से काम करने में मदद करके अल्सर में मदद कर सकते हैं। दूध काफी शराब वसा युक्त मसालेदार भोजन जितनी जल्दी हो सके छोड़ दे
पत्ता गोभी ,शहद,लहसुन और हल्दी का जूस
पत्ता गोभी जूस में ऐसे यौगिक और एंटीबायोटिक्स होते हैं जो पेट के अल्सर को रोकने और ठीक करने में मदद कर सकते हैं। शहद एंजाइम हाइड्रोजन पेरोक्साइड का उत्पादन करने के भी लिए जाना जाता है, जो अल्सर पैदा करने वाले बैक्टीरिया हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (Helicobacter Pylori) से लड़ने में मदद करता है। लहसुन में एलिसिन नामक यौगिक पाया जाता है, जिसमें शक्तिशाली रोगाणुरोधी गुण होते हैं। यह हेलिकोबैक्टर पाइलोरी से लड़ने में मदद कर सकते हैं। इन्हीं बैक्टीरियों की वजह से पेप्टिक अल्सर होता है। हल्दी में मौजूद कर्क्यूमिन नामक यौगिक एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। जिसकी वजह से पेट के अल्सर का कारण बनने वाले बैक्टीरिया पनप नहीं पाते हैं
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