एनर्जी ड्रिंक पीने वाले बच्चे शरीररक और मानसिक तौर पर कमजोर हो जाते हैं डॉ अर्चिता महाजन

डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रीशन डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्म भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार ने बताया कि न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की एक स्टडी में पाया गया कि जो बच्चे सप्ताह में 5 या उससे अधिक बार एनर्जी ड्रिंक पीते हैं, उनके शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर होने की संभावना बढ़ जाती है।इंग्लैंड की दो यूनिवर्सिटीज टीसाइड और न्यूकैसल यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट्स ने 21 से अधिक देशों के 12 लाख बच्चों और युवाओं पर की गईं 57 स्टडीज के डेटा का अध्ययन किया। इस डेटा में उन्होंने पाया कि बच्चों के प्रदर्शन में सुधार और बॉडी में ज्यादा एनर्जी का दावा करने वाले ये एनर्जी ड्रिंक्स दरअसल बच्चों की सेहत को खतरनाक तरीके से नुकसान पहुंचा रहे हैं। एनर्जी देने की बजाय यह बच्चों की मेंटल और फिजिकल ग्रोथ में बाधा बन रहे हैं।युरोप में कई देशों में 18 साल से कम आयु वाले बच्चों के लिए बैन है।कैफीन के साथ ही इनमें कुछ उत्तेजक पदार्थ भी मौजूद होते हैं, जैसे कि गौराना (Guarana), टौरीन (Taurine ) और एल कार्निटाइन (L-Carnitine). ये पदार्थ शरीर में उत्तेजना और एनर्जी बढ़ा देते हैं.।शुरुआत दिन में एक एनर्जी ड्रिंक से ही की जाती है, लेकिन धीरे-धीरे वो असर करना बंद कर देती है. इसलिए लोग दिन में चार-चार एनर्जी ड्रिंक्स पी जाते हैं, इस तरह से इसकी लत लग जाती है एक ड्रिंक में लगभग 13 चम्‍मच चीनी होती हैशरीर में सेरोटोनिन का स्तर कम हो जाता है जिससे कई बार डिप्रेशन की स्थि‍ति बनती है।