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जालंधर, 27 जनवरी
राष्ट्रीय कानूनी सेवा अथारिटी द्वारा जेलों में नाबालिगों की पहचान करने और कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए अखिल भारतीय अभियान ‘रिस्टोरिंग द यूथ’ आज केंद्रीय जेल, कपूरथला में जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी द्वारा शुरू किया गया।
अभियान का उद्देश्य जेल में बंद सभी व्यक्तियों की पहचान करना है, जो घटना की तारीख पर नाबालिग (विचाराधीन या दोषी) होने का दावा करते हैं, जो नाबालिग प्रतीत होते हैं और जिनके नाबालिग होने का दावा करने के आवेदन लंबित हैं या दायर नहीं किए गए है ताकि ऐसे कैदियों/निर्वासित लोगों को मुफ्त कानूनी सेवाएं प्रदान करके अवलोकन गृहों में ट्रांसफर किया जा सकता है।
इस संबंधी जिला कानूनी सेवा अथारिटी के सचिव बलजिंदर सिंह मान ने कानूनी सहायता बचाव सलाहकारों के लिए एक ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया, जो इस अभियान के तहत केंद्रीय जेल, कपूरथला का दौरा करेंगे और ऐसे दोषियों/कैदियों की पहचान की जाएगी। इस अवसर पर कानूनी सहायता बचाव काउंसलों को इस अभियान के उद्देश्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
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