पंजाब के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीकी शिक्षा उपलब्ध करने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग द्वारा कई स्कीमों के अंतर्गत कई फआ्र ण्अधुनिक उपलब्ध करवाए गए हैं। इन उपकरणों में से कई उपकरण बिजली से चलते हैं। गर्मियों के मौसम के दौरान कई बार बिजली की वोल्टेज की स्पार्किंग होने के कारण आग लगने की आशंका बनी रहती है। विद्यार्थियों की सुरक्षा को पूरी तरह से ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा स्कूलों में पूर्े अग्निशमन यंत्र लगाने के निर्देश जारी किए गए थे। इसके बाद बहुत से स्कूलों द्वारा अग्निशमन यंत्र इंस्टॉल किए गए हैं परंतु इनमें से कई चालू हालत में न होने की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। शिक्षा विभाग के नोटिस में यह बात आई है कि कई बार स्कूलों में अग्निशमन यंत्र की रिपेयर और मैंटीनैंस की तरफ कोई खास ध्यान नहीं दिया जाता जिस कारण ये यंत्र स्कूलों में बिना प्रयोग के ही पड़े रहते हैं। उक्त बातों को ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा विद्यार्थियों और स्कूल स्टाफ की सुरक्षा के मद्देनजर सभी स्कूल प्रमुखों को विशेष निर्देश जारी किए किए हैं।विभाग ने पाया है कि कई स्कूलों में अग्निशमन यंत्र तो लगे हुए हैं लेकिन उनकी नियमित जांच और रिफिल नहीं करवाया जाता। इससे आग लगने की स्थिति में ये उपकरण बेकार हो जाते हैं। अक्सर विद्यार्थियों और स्टाफ को अग्निशमन यंत्रों के प्रयोग की जानकारी नहीं होती। आपातकालीन परिस्थिति में घबराहट की स्थिति पैदा हो सकती है।
जिसके बाद अग्निशमन यंत्रों के प्रबंधन संबंधी ये हैं नए निर्देश दिए गए है।
जिसके अनुसार
-सभी स्कूलों में आसानी से पहुंच होने वाले स्थानों पर अग्निशमन यंत्र लगाए जाएंगे।
-हर महीने होगी जांच और सालाना रिफिल होगी
– रिफिल की तारीख अग्निशमन यंत्र पर और स्कूल रजिस्टर में दर्ज की जानी चाहिए।
– जिला फायर सेवा विभाग के सहयोग से विद्यार्थियों और स्टाफ को अग्निशमन यंत्रों के प्रयोग की ट्रेनिंग दी जाएगी।
आग से बचाव के कुछउपाय
– स्कूल परिसर को ज्वलनशील और जहरीले पदार्थों से मुक्त रखने का निर्देश दिया गया है।
– स्कूलों में प्रमुख स्थानों पर दमकल विभाग और अस्पताल के इमरजेंसी नंबर प्रदर्शित करने होंगे।
रसोईघर और प्रयोगशाला में सावधानी रख्रनी होगी
– रसोईघर और स्टोर रूम में अग्निशमन नियंत्रण प्रणाली जरुरी कर दी गई है। रसोइयों को आग पकडऩे वाले कपड़ों की बजाय सूती कपड़े पहनने का निर्देश दिया गया है। गैस सिलैंडरों के आसपास ज्वलनशील पदार्थ रखने पर पूर्ण पाबंदी लगाई गई है।
– विज्ञान प्रयोगशालाओं में शिक्षकों की सख्त देखरेख में ही विद्यार्थियों को कैमिकल्स का प्रयोग करने की हिदायत दी गई है।
नियमित निरीक्षण
स्कूलों में लगे सभी बिजली उपकरणों की समय-समय पर जांच करवाई जाएगी ताकि किसी भी तरह की बिजली की खराबी को रोका जा सके।
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