Jalandhar-Prime Punjab
डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रिशन डाइटिशियन और चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट और ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्म भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ती जा रही
है गांव छोटे होते जा रहे हैं रोजगार की तलाश में गांव के युवा शहर की तरफ या फिर विदेश की तरफ जा रहे हैं जिससे कि खुद गांव में ही लोग दूध डेयरी से लेते हैं। खुद मेरे शहर में मेरे घर के बाहर निकलते ही लगभग 10 डेयरी की दुकानें हैं वह भी 300 मीटर के दायरे में ,गाय और भैंस किसी के पास नहीं है। पर दूध आप किसी भी डेयरी से पूछ लो 50 किलो से लेकर 1 क्विंटल तक दूध आपको मिल जाएगा अब हैरानी वाली बात यह है बिना गाय भैंस के यह इतना दूध कहां से ले आएंगे। आए दिन नकली दूध बनाने की वीडियो सोशल मीडिया पर आती रहती है जिसमें वह खेतों में फसल बढ़ाने के लिए यूरिया खाद से दूध बनाते हैं झाग के लिए वाशिंग पाउडर का इस्तेमाल कर लेते हैं। अब कुछ स्टडी में सामने आया है कि यदि आप इस प्रकार का दूध लगातार इस्तेमाल करते हैं तो आपके लीवर किडनी को खतरा है इसके साथ-साथ धीरे-धीरे के आपके प्रजनन शक्ति को भी खत्म कर देगा।दूध में यूरिया मिलाने का मुख्य कारण आर्थिक है। दूध में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ाने के लिए इसे मिलाया जाता है, जिससे दूध में प्रोटीन की मात्रा अधिक दिखती है। इससे दूध बेचने वाले पानी मिलाकर ज्यादा दूध बेच लेते हैं। आज मैं आपको बहुत आसान सा तरीका बताने जा रही हूं जिससे आप बिना पैसा खर्च किए घर पर ही असली नकली की पहचान कर सकते हैं दो चम्मच दूध में एक चम्मच अरहर की दाल का पाउडर अच्छी तरह से मिलकर लिटमस पेपर पर रख देना है और यह दिन लिटमस पेपर का रंग बदलकर नीला हो जाता है तो आपका दूध नकली है यूरीया या वाला है।
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