पंजाब के बाग़वानी मंत्री और डेनमार्क के राजदूत द्वारा कृषि क्षेत्र में साझेदारी संबंधी व्यापक च

दिल्ली/चंडीगढ़, 14 जुलाई:Prime Punjab

मुख्य मंत्री स. भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों पर बाग़वानी मंत्री स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने नई दिल्ली में रॉयल डेनिश दूतावास के राजदूत श्री फ्रेडी स्वैन के साथ बैठक की।

पंजाब और डेनमार्क के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने और व्यापार के लिए संभावित सहयोग पर केंद्रित इस उच्च स्तरीय बैठक के दौरान स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा व डेनमार्क के राजदूत श्री स्वैन ने आपसी हित के विभिन्न क्षेत्रों पर विचारों का आदान-प्रदान किया और खुली चर्चा की।

बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने और अपने-अपने क्षेत्रों की क्षमताओं का लाभ उठाने पर ज़ोर दिया। चर्चा के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की गई, जिसमें टिकाऊ कृषि और बाग़वानी, खाद्य प्रसंस्करण, बायोगैस क्षेत्र का विकास, भूजल प्रबंधन, कुशल सिंचाई तकनीक, जल संरक्षण पहलकदमियों और डेयरी क्षेत्र में सहयोग आदि शामिल हैं।

बाग़वानी मंत्री ने पंजाब की समृद्ध कृषि विरासत और बाग़वानी क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार राज्य की समृद्धि के लिए हर संभव कदम उठा रही है। कैबिनेट मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि पंजाब सरकार अंतरराष्ट्रीय साझेदारी की संभावनाएं तलाशने के लिए प्रतिबद्ध है, जो राज्य के कृषि और आर्थिक विकास में बड़े पैमाने पर योगदान दे सकती है।

उन्होंने कहा कि बायोगैस के क्षेत्र में विकास,भूजल प्रबंधन और कुशल सिंचाई तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करने से दोनों क्षेत्र सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में सक्षम होंगे।

डैनिश राजदूत श्री स्वैन ने टिकाऊ कृषि तकनीकों, नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों और जल प्रबंधन में डेनमार्क की विशेषज्ञता पर प्रकाश डाला और पंजाब के साथ संभावित सहयोग में गहरी रुचि व्यक्त की।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि वह पंजाब और डेनमार्क के संबंधों को और मज़बूत करने के लिए अगले कुछ दिनों में श्री फ्रेडी स्वैन की मुलाकात मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान से करवाने के लिए प्रयास करेंगे।

उन्होंने कहा कि यह बैठक राज्य स्तर पर भारत-डेनिश संबंधों की मज़बूती के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी, जिससे भविष्य में विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग का मार्ग प्रशस्त होगा। इसके साथ ही यह कदम पंजाब के कृषि क्षेत्र और डेनमार्क के कारोबार दोनों के लिए फायदेमंद होगा।