पंजाब द्वारा सितम्बर महीने से 21वीं पशुधन गणना करवाने के लिए पुख़्ता प्रबंध

* पशुओं की नस्लों एंव अन्य विशेषताओं अनुसार डिजिटल ढंग से करवाई जाएगी गणना: गुरमीत सिंह खुड्डिया

* पहली बार पालतू कुत्तों और बिल्लियों की उनकी नस्ल अनुसार की जाएगी गणना

* पशु पालन मंत्री ने इस व्यापक सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए विभाग की तैयारियों की समीक्षा की

चंडीगढ़- Prime Punjab

पंजाब के पशु पालन, डेयरी विकास एंव मत्स्य पालन मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डिया ने बताया कि पंजाब पशु पालन विभाग राज्य में सितम्बर से 21वीं पशुधन गणना करवाने के लिए पूरी तरह तैयार है।

आज यहाँ किसान भवन में विभाग के चल रहे प्रोजैक्टों की समीक्षा के लिए बुलाई राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते स.गुरमीत सिंह ने कहा कि 2019 के बाद यह दूसरी बार है कि टैबलैट्ट कंप्यूटरों के प्रयोग द्वारा पशुधन की उनकी नस्ल एंव अन्य विशेषताओं अनुसार डिजिटल ढंग से गणना करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा मुहैया करवाए गए आंकड़ों से अनुसार राज्य में 64.75 लाख से अधिक पशुधन और पोल्ट्री जानवरों की गणना की जाएगी।

उन्होंने कहा कि यह पहली बार होगा कि पालतू कुत्तों और बिल्लियों की भी उनकी नस्ल अनुसार गणना की जाएगी। उन्होंने कहा कि गऊशालाओं में पशुधन और अलग -अलग कबीलों द्वारा पाले जा रहे पशुधन की पहली बार अलग तौर पर गणना की जाएगी।

पशु पालन मंत्री ने बताया कि इस व्यापक क्षेत्रीय सर्वेक्षण के लिए एक स्टेट नोडल अधिकारी, पाँच ज़ोनल नोडल अधिकारी, 23 ज़िला नोडल अधिकारी, 392 सुपरवाइज़र एंव 1962 गिणतीकार लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गिणतीकार प्रत्येक घर का दौरा करके पशुधन की नस्लों एंव अन्य विशेषताओं अनुसार गणना करेंगे।

पशु पालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन विभाग के ज्वाईंट सचिव बिकरमजीत सिंह शेरगिल ने कैबिनेट मंत्री को बताया कि इस गणना को करवाने के लिए सभी संबंधित अधिकारी प्रशिक्षण ले रहे है और उनका प्रशिक्षण अगस्त में पूरा होगा। उन्होंने निर्विघ्न गणना के लिए सभी प्रबंध पूरे किए जाने का विश्वास दिलाया।

मीटिंग दौरान स. गुरमीत सिंह खुड्डिया ने वैटरनरी स्वास्थ्य सुविधाओं, ओ.पी.डी., टीकाकरण और कृत्रिम गर्भधारन संबंधी कार्यों का जायज़ा भी लिया। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को हिदायत दी कि पशु पालकों को किसी प्रकार की परेशानी की न आए और उनका कल्याण विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए।

पशु पालन विभाग के डायरैक्टर डा. गुरशरनजीत सिंह बेदी ने बताया कि विभाग द्वारा पशुओं की अलग- अलग बीमारियों और उनकी रोकथाम संबंधी साहित्य प्रिंट कर पंजाब के गाँवों में बँटा जाएगा।