मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार एच.आई.वी. पीड़ितों के लिए मुफ्त यात्रा सुविधा और 1500 रुपये की वित्तीय सहायता देने पर विचार कर रही है।

* डॉ. बलबीर सिंह द्वारा एड्स पर राज्य परिषद की पहली बैठक की अध्यक्षता

* एच.आई.वी. संक्रमित व्यक्तियों को सम्मानजनक जीवन जीने योग्य बनाने के लिए विशेष कार्यक्रम तैयार करने हेतु टास्क फोर्स गठित करने के निर्देश।

* स्वास्थ्य मंत्री द्वारा राज्यभर में जन स्तर पर जागरूकता अभियान शुरू करने के आदेश।

चंडीगढ़, 21 अगस्त : Prime Punjab

मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने एच.आई.वी. से संक्रमित और प्रभावित बच्चों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से उनके लिए 1500 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना पर विचार किया है।

यह जानकारी आज यहां प्रयास भवन में एड्स पर राज्य परिषद की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने दी।

डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि राज्य परिषद ने संक्रमित मरीजों को उनके घरों से उपचार सुविधा – एंटी-रेट्रोवायरल थैरेपी सेंटर – तक महीने में एक बार मुफ्त आने-जाने की सुविधा देने का प्रस्ताव भी पेश किया है। उन्होंने एच.आई.वी. से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए अनुकूल कार्यक्रम तैयार करने के लिए एक टास्क फोर्स स्थापित करने की योजना बनाई है, जिसका उद्देश्य उनकी रोजगार योग्यता में वृद्धि करना और उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने योग्य बनाना है।

उन्होंने आगे बताया कि बैठक में विभिन्न विभागों द्वारा लागू की जा रही सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए एंटी-रेट्रोवायरल थैरेपी सेंटर (ए.आर.टी. सेंटर) के मेडिकल अधिकारी द्वारा प्रमाणित दस्तावेजों को स्वीकार करने पर भी सहमति व्यक्त की गई। इस निर्णय का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एच.आई.वी. प्रभावित व्यक्तियों को इन कल्याणकारी कार्यक्रमों का लाभ उठाने में कोई बाधा या भेदभाव का सामना न करना पड़े।

डॉ. बलबीर सिंह ने उद्योग और श्रम विभागों को निर्देश दिया कि वे औद्योगिक संस्थानों में एच.आई.वी./एड्स संबंधी नीति को लागू करने के साथ-साथ 100 या उससे अधिक कर्मचारियों वाले सभी उद्योगों में पीड़ितों से संबंधित भेदभाव के मुद्दों को हल करने के लिए एक शिकायत अधिकारी नियुक्त करना सुनिश्चित करें। इसके अलावा, सभी उद्योगों से उनकी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सी.एस.आर.) पहलों में एच.आई.वी. की रोकथाम और इस बीमारी से जूझ रहे व्यक्तियों के कल्याण संबंधी चिंताओं को शामिल करने की अपील की गई।

राज्य में एच.आई.वी. परीक्षण शिविर आयोजित करने के बारे में बात करते हुए, स्वास्थ्य मंत्री ने इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए राज्यभर में व्यापक सूचना, शिक्षा और संचार (आई.ई.सी.) अभियान शुरू करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोगों को रोकथाम, देखभाल और सहायता कार्यक्रमों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एच.आई.वी. पीड़ित लोगों को भी सामान्य जीवन जीने का पूरा हक है और हर किसी के लिए यह समझना जरूरी है कि एच.आई.वी. किसी को छूने, हवा या पानी से नहीं फैलता, बल्कि असुरक्षित संभोग, पुन: उपयोग की गई सुइयों, सिरिंज आदि के माध्यम से फैलता है। उन्होंने यह भी बताया कि एच.आई.वी. संक्रमित व्यक्ति, जो निर्धारित दवाओं का उपयोग करते हैं और जिन पर वायरल प्रभाव कम हो गया हो, स्वस्थ रह सकते हैं और दूसरों के लिए वायरस फैलने का खतरा नहीं बनते।

डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि सभी पंचायतें अपनी ग्राम सभा की बैठकों के दौरान एच.आई.वी. पीड़ित लोगों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव न करने का प्रस्ताव पास कर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने सभी पंचायत भवनों में होर्डिंग लगाने और दीवारों पर चित्र बनवाने जैसी आई.ई.सी. गतिविधियों को सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।

इस अवसर पर प्रशासनिक सचिव (स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, पंजाब) श्री कुमार राहुल, डिप्टी डायरेक्टर जनरल (आई.ई.सी.) नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (नाको) डॉ. अनूप कुमार पुरी, विशेष सचिव (स्वास्थ्य-कम-प्रोजेक्ट डायरेक्टर, पंजाब राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी) श्री वरिंदर कुमार शर्मा, निदेशक (रोजगार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण) श्रीमती अमृत सिंह, अतिरिक्त सचिव (स्कूल शिक्षा) श्री परमिंदर पाल सिंह, निदेशक (मेडिकल शिक्षा और अनुसंधान) डॉ. अवनीश कुमार के अलावा वित्त, स्थानीय निकाय, ग्रामीण विकास, गृह, श्रम, सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे।

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