फिरोजपुर तिहरे हत्याकांड: छह हमलावरों का मुख्य टारगेट था मृतक दिलदीप, जांच में हुआ खुलासा

पंजाब पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों और महाराष्ट्र पुलिस की मदद से औरंगाबाद से गिरफ्तार किए गए छह हमलावरों को पकडऩे के लिए ‘ऑपरेशन डेजर्ट’ शुरू किया था।

पंजाब पुलिस मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशों के अनुसार राज्य में संगठित अपराध को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों को फिरोजपुर लाया जा रहा है, आज शाम तक पहुंचने की उम्मीद है।

गिरफ्तार किए गए छह शूटरों के भगोड़े साथी आशीष चोपड़ा को भारत भेजने के प्रयास जारी हैं।

आगे की जांच जारी है, जल्द ही और गिरफ्तारियों की संभावना है।

चंडीगढ़, 9 सितंबर: Prime Punjab

पंजाब पुलिस ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद से छह शूटरों को गिरफ्तार कर दो दिन पहले हुए सनसनीखेज फिरोजपुर तिहरे हत्याकांड को सुलझाने के बाद, मामले की जांच में खुलासा किया है कि हमलावरों का मुख्य निशाना मृतक दिलदीप था। हत्याकांड के दौरान एक युवती समेत दो अन्य पीडि़तों की जवाबी गोलीबारी में अनजाने में मौत हो गई।

गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी बाबा (चोहला साहिब, तरनतारन); प्रिंस (गांव कुंडे, फिरोजपुर); रविंदर सिंह उर्फ रवि उर्फ सुखू; सुखचैन सिंह; अक्षय उर्फ बगीचा; और राजबीर सिंह उर्फ दलेर सिंह (सभी बस्ती बाग वाली, फिरोजपुर) के रूप में हुई है।

ये गिरफ्तारियां औरंगाबाद के हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे एक्सप्रेस हाईवे पर पंजाब की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (ए जी टी एफ), फिरोजपुर जिला पुलिस, केंद्रीय एजेंसियों और महाराष्ट्र पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से की गईं।

जानकारी अनुसार 3 सितंबर को दोपहर 12:50 बजे दिलदीप सिंह, अनमोलप्रीत सिंह, जसप्रीत कौर, आकाशदीप और हरप्रीत उर्फ जॉंटी गुरुद्वारा श्री अकालगढ़ साहिब, कंबोज नगर, फिरोजपुर शहर के पास एक कार में जा रहे थे, तभी छह अज्ञात हमलावरों ने उन पर गोलाबारी शुरू कर दी। इस गोलीबारी में दिलदीप सिंह उर्फ लाली,आकाशदीप सिंह और उनकी बहन जसप्रीत कौर की मौत हो गई, जबकि अनमोलप्रीत सिंह और हरप्रीत सिंह घायल हो गए और अस्पताल में इलाजरत हैं।

एआईजी एजीटीएफ गुरमीत चौहान, एआईजी एजीटीएफ संदीप गोयल और एसएसपी फिरोजपुर सौम्या मिश्रा ने आज यहां इंटेलिजेंस मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि गिरफ्तार किए गए सभी छह आरोपियों को फिरोजपुर लाया जा रहा है और आज शाम तक उनके पहुंचने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि आगे की पूछताछ के लिए सभी आरोपियों को अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड प्राप्त किया जाएगा। इस मौके पर डीएसपी विक्रमजीत सिंह बराड़ और डीएसपी राजन परमिंदर सिंह भी मौजूद थे।

अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि यह हत्या दिलदीप सिंह और बुवनेश चोपड़ा उर्फ आशीष और हरप्रीत सिंह उर्फ हैपी मल्ल के बीच व्यक्तिगत रंजिश के कारण की गई थी। उन्होंने बताया कि मृतक दिलदीप सिंह का पहले भी आपराधिक पृष्ठभूमि थी। उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी बुवनेश चोपड़ा उर्फ आशीष के डीपोर्ट/हवालगी के प्रयास किए जा रहे हैं।

इस ऑपरेशन के संबंध में जानकारी साझा करते हुए एआईजी गुरमीत चौहान ने कहा कि अपराध स्थल और मृतकों की पृष्ठभूमि से सुराग जुटाने के लिए पुलिस ने ऑपरेशन ‘डेजर्ट’ शुरू किया गया था और मानव सूझ-बूझ और बारीकी से तकनीकी जांच के आधार पर काउंटर इंटेलिजेंस और फिरोजपुर पुलिस ने आरोपित दलजीत सिंह को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान आरोपी दलजीत ने खुलासा किया कि उसे पीडि़तों की  रैकी करने और उनकी गतिविधियों पर नजर रखने का काम सौंपा गया था।

उन्होंने बताया कि जांच के दौरान, एजीटीएफ ने महाराष्ट्र के नांदेड़ क्षेत्र में संदिग्ध व्यक्तियों की गतिविधियों का पता लगाया और एडीजीपी (एजीटीएफ) प्रमोद बान पंजाब द्वारा केंद्रीय एजेंसियों और महाराष्ट्र पुलिस के साथ 6 और 7 सितंबर 2024 की दरमियानी रात 3 बजे जानकारी साझा की गई। इस जानकारी के आधार पर पुलिस कमिश्नर, छत्रपति संभाजी नगर (औरंगाबाद) ने अपनी टीमों को सतर्क किया और कार्रवाई शुरू कर दी। इस प्रकार, डीएसपी, एजीटीएफ राजन परमिंदर सिंह ने महाराष्ट्र पुलिस की टीमों के समन्वय से और पंजाब पुलिस द्वारा साझा की गई समय पर दी गई सूचना के आधार पर इनोवा गाड़ी एम एच 26ए सी 5599 को रोका और आरोपियों को पकडऩे में सफलता प्राप्त की।

यह उल्लेखनीय है कि गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं, जिनके खिलाफ हत्या, इरादा हत्या  , डकैती, एनडीपीएस एक्ट, हथियार एक्ट आदि के केस दर्ज हैं। जबकि आरोपी गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी बाबा को भी दो मामलों में भगोड़ा घोषित किया गया है।

इस संबंध में भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धाराओं 103, 109, 351(2), 191(3), 190 और 61(2) और धारा और हथियार एक्ट की धारा 25(6) और 25(7) के तहत एफआईआर नंबर 344 दिनांक 03.09.2024 को थाना सिटी फिरोजपुर में दर्ज की गई थी।
———
सूचना और लोक संपर्क विभाग, पंजाब

ऑपरेशन सील-8: पड़ोसी राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पंजाब पुलिस ने नशा और शराब तस्करों पर शिकंजा कसा

पंजाब पुलिस ने 10 सीमावर्ती जिलों के 92 प्रवेश/निकासी बिंदुओं को सील कर दिया और सीमावर्ती राज्य में प्रवेश करने या बाहर जाने वाले 4245 वाहनों की जांच की।

मुख्यमंत्री भगवंत मान के सपने के अनुसार, पंजाब पुलिस पंजाब को सुरक्षित राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

पुलिस टीमों ने कार्रवाई के दौरान 27 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर 26 एफआईआर दर्ज कीं; 401 संदिग्ध व्यक्तियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया।

8 घंटे लंबे ऑपरेशन के दौरान 293 वाहनों के चालान किए गए और 16 वाहन जब्त किए गए।

कार्रवाई का उद्देश्य समाज विरोधी तत्वों में पुलिस का डर पैदा करना और आम लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा करना था: विशेष डीजीपी अर्पित शुक्ला

चंडीगढ़, 9 सितंबर:

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सोच के अनुसार पंजाब को एक सुरक्षित राज्य बनाने के उद्देश्य से चलाए जा रहे अभियान के तहत, पंजाब पुलिस ने सोमवार को एक विशेष ऑपरेशन ‘ऑपरेशन सील-8’ चलाया। इस ऑपरेशन का उद्देश्य सीमावर्ती राज्य पंजाब में प्रवेश करने या बाहर जाने वाले सभी वाहनों की जांच करके नशा और शराब तस्करी पर नकेल कसने के साथ-साथ हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर गैंगस्टरों और समाज विरोधी तत्वों की गतिविधियों पर नजर रखना भी था।

यह ऑपरेशन पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव के निर्देशानुसार सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक समकालिक तरीके से चलाया गया।

विशेष डीजीपी कानून एवं व्यवस्था अर्पित शुक्ला ने कहा कि सीमावर्ती जिलों के सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (एसएसपी) को ‘ऑपरेशन सील-8’ के तहत प्रभावी नाकाबंदी को सुनिश्चित करने के लिए सीमावर्ती राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया गया था। उन्होंने बताया कि सीमावर्ती जिलों के सभी एसएसपी को संबंधित जिलों के रणनीतिक स्थानों पर संयुक्त नाका ऑपरेशन चलाने और राजपत्रित अधिकारियों/एस. एच. ओज. की निगरानी में सीलिंग प्वाइंट्स पर मजबूत नाके लगाने के लिए अधिकतम पुलिस बल जुटाने के निर्देश दिए गए थे।

उन्होंने बताया कि 10 जिलों के लगभग 92 एंट्री/एग्जिट पॉइंट्स, जो चार पड़ोसी राज्यों और यूटी चंडीगढ़ के साथ सीमाएँ साझा करते हैं, पर इंस्पेक्टरों/डीएसपी की निगरानी में 1000 से अधिक पुलिसकर्मियों की टीम ने समन्वित रूप से मजबूत नाके स्थापित किए। इन 10 अंतरराज्यीय सीमावर्ती जिलों में पठानकोट, श्री मुक्तसर साहिब, फाजिल्का, रोपड़, एसएएस नगर, पटियाला, संगरूर, मानसा, होशियारपुर और बठिंडा शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान संदिग्ध वाहनों/व्यक्तियों की बारीकी से तलाशी ली गई और आम लोगों को न्यूनतम असुविधा सुनिश्चित की गई। इसके अलावा, पुलिस टीमों ने ‘वाहन’ मोबाइल ऐप का उपयोग करके वाहनों के पंजीकरण नंबरों की भी पुष्टि की।

उन्होंने आगे बताया कि सभी पुलिसकर्मियों को इस ऑपरेशन के दौरान आने-जाने वाले सभी व्यक्तियों के साथ,उनके वाहनों की जांच करते समय शालीनता से पेश आने के सख्त निर्देश दिए गए थे।

विशेष डीजीपी ने बताया कि राज्य में आने/जाने वाले 4245 वाहनों की जांच की गई, जिनमें से 293 का चालान किया गया और 16 को जब्त किया गया। पुलिस ने 27 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर 26 एफआईआर भी दर्ज की हैं। इसके अलावा, पुलिस टीमों ने 401 संदिग्ध व्यक्तियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।

इस ऑपरेशन के दौरान, पुलिस टीमों ने 1.1 किलोग्राम अफीम, 29 किलोग्राम भुक्की, 42 किलोग्राम नशीला पाउडर, 1070 नशीली कैप्सूल/गोलियां और बड़ी मात्रा में अवैध और वैध शराब भी बरामद की।

उल्लेखनीय है कि इस तरह के ऑपरेशन क्षेत्रीय स्तर पर पुलिस की उपस्थिति को दर्शाने के अलावा, समाज विरोधी तत्वों में डर पैदा करने और आम लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा करने में मदद करते हैं।
———-