गणतंत्र दिवस मौके पटियाला में फहराया राष्ट्रीय तिरंगा
पंजाब की शांति, सांप्रदायिक सद्भावना, एकता और भाईचारे की रक्षा के लिए लोगों का सहयोग मांगा
सांप्रदायिक विभाजन खड़ा करने की ताक में पंजाब विरोधी तत्वों के मंसूबे सफल नहीं होने देंगे
पंजाब और पंजाबियों के प्रति सौतेला व्यवहार अपनाने के लिए केंद्र की कड़ी आलोचना
देश का पेट भरने वाले अन्नदाता को अपनी मांगें मनवाने के लिए अनशन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है
पटियाला, 26 जनवरी:Prime Punjab
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पंजाब की दुश्मन ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देने का संकल्प लेते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि अमन-शांति, सांप्रदायिक सद्भावना, एकता और भाईचारे में विघ्न डालने के मंसूबे किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने दिए जाएंगे।
आज यहां के पोलो ग्राउंड में 76वें गणतंत्र दिवस मौके समारोह दौरान राष्ट्रीय तिरंगा फहराने के बाद सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब गुरुओं, पीरों-फकीरों, संतों-महापुरुषों और शहीदों की धरती है जो हमेशा भाईचारे और सांप्रदायिक सद्भावना की महान मूल्यों के लिए मानवता का मार्गदर्शन करती है। उन्होंने कहा कि राज्य में बहुत मेहनत से अमन-शांति हासिल की है और उनकी सरकार किसी को भी शांति भंग करने की इजाजत नहीं देगी। भगवंत सिंह मान ने इस नेक कार्य के लिए लोगों का सहयोग मांगा ताकि राज्य की शांति, तरक्की और खुशहाली को नुकसान पहुंचाने की साजिश रचने वाले दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके।
मुख्यमंत्री ने फूट डालने वाली ताकतों की निंदा करते हुए कहा कि उनके सांप्रदायिक विभाजन के मंसूबे किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब में सामाजिक एकता की जड़ें इतनी गहरी और मजबूत हैं कि राज्य की उपजाऊ जमीन में कुछ भी पैदा किया जा सकता है लेकिन यहां नफरत के बीज नहीं पनप सकते। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हालांकि राज्य में बड़ी कोशिशों से हासिल की गई अमन-शांति में कुछ लोग विघ्न डालने की कोशिशें कर रहे हैं लेकिन इसके जवाब में पंजाबियों ने आपसी मेलजोल, सद्भावना और एकता की डोर को और मजबूत किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत रत्न बाबा साहब डॉ. बी.आर. अंबेडकर के नेतृत्व में हमारे पूर्वजों द्वारा तैयार किया गया संविधान वर्ष 1950 में आज के दिन लागू होने से भारत प्रभुसत्ता संपन्न, समाजवादी, लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष गणराज्य बना। उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए वास्तव में गर्व के पल थे क्योंकि हमें वोट देने के अधिकार का उपयोग करने की ताकत मिली, जिससे हमारे पूर्वजों द्वारा ‘लोगों की, लोगों के लिए और लोगों द्वारा’ सरकार का देखा सपना पूरा करने का मौका मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 75 वर्षों दौरान हर गुजरते दिन के साथ देश में लोकतंत्र मजबूत हुआ है क्योंकि देशवासियों ने लोकतांत्रिक मूल्यों में अटूट विश्वास का प्रदर्शन किया और बिना किसी भय के मतदान कर स्पष्ट फैसला दिया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीयों खासकर पंजाबियों ने देश की कड़ी मेहनत से हासिल की प्रभुसत्ता को किसी भी तरह के खतरे का डटकर सामना किया है। उन्होंने कहा कि हमारे बहादुर देशभक्तों ने देश की शान और प्रभुसत्ता की रक्षा के लिए 1947, 1962, 1965, 1971 की जंग और फिर कारगिल युद्ध दौरान देश की रक्षा के लिए महान कुर्बानियां दी हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हम सभी के लिए यह बहुत ही गर्व और संतोष की बात है कि पंजाबियों को हमारे महान सिख गुरुओं से बलिदान और देशभक्ति का अद्वितीय जज्बा विरासत में मिला है, जिन्होंने हमें जुल्म, अत्याचार और अन्याय के खिलाफ लड़ने का उपदेश दिया है। एक स्वतंत्र और प्रभुसत्ता संपन्न भारतीय गणराज्य का हमारे पूर्वजों द्वारा देखा गया सपना देशवासियों द्वारा शक्तिशाली ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ लड़ाई दौरान दी गईं अनगिनत कुर्बानियों के कारण पूरा हुआ। भगवंत सिंह मान ने कहा कि भारत के राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में पंजाबियों द्वारा दी गईं बेमिसाल कुर्बानियों को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के हजारों अनगिनत नायकों खासकर पंजाब की धरती के सपूतों द्वारा स्वतंत्रता संग्राम में दिया गया अग्रणी योगदान किसी से छिपा नहीं है। इस बहादुरी ने लाखों अन्य लोगों को आजादी आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि देश की आबादी का सिर्फ दो प्रतिशत होने के बावजूद भारत के स्वतंत्रता संग्राम दौरान 80 प्रतिशत कुर्बानियां या निर्वासन पंजाबियों के हिस्से में आईं। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए चली कूका, गदर, किसान, पगड़ी संभाल और अन्य लहरों के अलावा पंजाब की धरती ने लाला लाजपत राय, दीवान सिंह कालेपानी और अन्य सपूतों को जन्म दिया, जिन्होंने देश को ब्रिटिश साम्राज्य की गुलामी की जंजीरों से आजाद करवाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद भगत सिंह, शहीद राजगुरु, शहीद सुखदेव, शहीद ऊधम सिंह और करतार सिंह सराभा की कुर्बानियों ने नौजवानों में ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ लड़ने की चिंगारी लगाई। इसी तरह जलियांवाला बाग का दुखांत जालिम ब्रिटिश राज के कफन में आखिरी कील साबित हुआ। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद बाहरी हमलों से देश की सीमाओं की रक्षा के अलावा पंजाबी हमेशा देश की खुशहाली और समग्र विकास में अग्रणी भूमिका में रहे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि संकट के समय भी हमने बहादुर पंजाबियों ने कभी पीठ नहीं दिखाई, बल्कि देश के संविधान में पूर्ण विश्वास रखकर लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों ने राज्य के सीमित प्राकृतिक संसाधनों के बावजूद देश को अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपना खून-पसीना बहाया है।
उन्होंने याद दिलाया कि जब आजादी के समय पूरा देश खुशी मना रहा था, तब सीमावर्ती राज्य होने के कारण पंजाब विभाजन का संताप झेल रहा था। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब हिंसक विभाजन के भयानक दौर से गुजरा जिसमें लाखों पंजाबियों ने अपनी जानें गंवा दीं, बेघर हो गए और बहुत सारे लोगों ने अपनी जमीनें और संपत्तियां खो दी।
हालांकि, मुख्यमंत्री ने दुख प्रकट किया कि आजादी के बाद पिछले साढ़े सात दशकों से अधिक समय में पंजाब को केंद्र की सरकारों की पक्षपाती और मारक नीतियों के कारण भेदभाव का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश को अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने वाले अनाज उत्पादकों को आज के दिन भी आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के नकारात्मक रवैये के कारण देश के अन्नदाताओं को अपनी मांगें पूरी करवाने के लिए अनशन जैसा दुर्भाग्यपूर्ण कदम उठाना पड़ता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ट्रैक्टर, जो कि ‘खेतों का राजा’ है, को केंद्र सरकार के बेरहम रवैये के कारण खेतों में अनाज पैदा करने की बजाय दिल्ली की सड़कों की ओर दौड़ना पड़ता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र को किसानों की मांगों को तुरंत स्वीकार करना चाहिए ताकि वे देश की सेवा और बेहतर तरीके से कर सकें। भगवंत सिंह मान ने कहा कि किसानों की दुर्दशा पर केंद्र सरकार की लंबी चुप्पी ने संवैधानिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले हर भारतीय को दुख पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पंजाब और इसके मेहनतकश लोगों के प्रति सौतेला व्यवहार बंद करना चाहिए।
केंद्र सरकार के पंजाब के प्रति भेदभावपूर्ण रवैये की एक और मिसाल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य का आरडीएफ का बकाया हिस्सा अभी तक जारी नहीं किया है जो कि 5500 करोड़ रुपए बनता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि केंद्र का यह कदम देश के संविधान में दर्ज देश के संघीय ढांचे के अनुकूल नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य भिखारी नहीं हैं और उन्हें परेशान करने की बजाय केंद्र द्वारा उन्हें फंड का जायज हिस्सा दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से उन्होंने पद संभाला है, उनकी सरकार शहीद भगत सिंह और बाबा साहब डॉ. बी.आर. अंबेडकर के आदर्शों पर चलकर काम कर रही है ताकि सभी की भलाई सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने के लिए कड़े प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के ठोस प्रयासों के कारण पंजाब आज देश में अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है और राज्य में तरक्की, खुशहाली और शांति का एक बेमिसाल दौर देखा जा सकता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने कई लोक-हितैषी और विकास-उन्मुख पहलकदमियां की हैं ताकि इस देश के निर्माताओं के सपनों को साकार किया जा सके और लोग अच्छा जीवन बिता सकें।
पंजाब सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत गर्व और संतोष की बात है कि पंजाब न केवल देश में बल्कि दुनिया भर में गन्ने का सबसे अधिक मूल्य प्रति क्विंटल 401 रुपए दे रहा है जिससे गन्ना उत्पादकों को बहुत लाभ हो रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार की प्रतिबद्धता अनुसार गन्ने का सबसे अधिक मूल्य देने में पंजाब, देश का नेतृत्व करता रहेगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा गन्ना किसानों को अच्छा मूल्य दिया है और यह प्रयास भविष्य में भी जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने देश में अपनी तरह की अनूठी पहल करते हुए समर्पित ‘सड़क सुरक्षा बल’ का गठन किया है जो राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने और कीमती जानें बचाने की ड्यूटी निभाती है। उन्होंने कहा कि पिछले साल अपनी शुरुआत के बाद इस बल ने सड़क हादसों में 48 प्रतिशत जानें बचाई हैं और सड़क हादसों दौरान घायल हुए लोगों के कीमती सामान और पैसे वापस किए हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह बल 4200 किलोमीटर हाईवे पर तैनात की गई है। यह बल निर्धारित क्षेत्रों में गश्त करने के अलावा ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन और ऐसी अन्य गतिविधियों को रोकने के लिए काम करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने पंजाब भर में 881 आम आदमी क्लीनिक स्थापित किए हैं जिन्होंने राज्य में स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में क्रांति ला दी है। उन्होंने कहा कि अब तक राज्य में 2.70 करोड़ से अधिक लोग इन क्लीनिकों का लाभ ले चुके हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि शुरुआत से ही इन क्लीनिकों में बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं जो दर्शाते हैं कि राज्य के हर तीसरे व्यक्ति ने इन क्लीनिकों का लाभ उठाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2022 में लोगों को मुफ्त बिजली प्रदान करने की गारंटी शुरू की थी और तब से राज्य के 90 प्रतिशत घरों को मुफ्त बिजली मिल रही है और उन्हें ज़ीरो बिजली बिल मिले हैं। उन्होंने कहा कि इससे गरीब घरों के लिए बड़ी राशि की बचत होने से आम आदमी की जेब पर बड़ा बोझ घटा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह भी बहुत गर्व और संतोष की बात है कि घरेलू उपभोक्ताओं के साथ-साथ देश के अनाज उत्पादकों को भी राज्य में मुफ्त और निर्बाध बिजली मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च, 2022 में जब उन्होंने पद संभाला था और कुछ महीनों बाद उन्हें पछवाड़ा कोयला खदान से कोयले की आपूर्ति फिर से शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गोइंदवाल पावर प्लांट को निजी कंपनी जी.वी.के. पावर से खरीदकर इतिहास रचा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पहली बार यह उलटा रुझान शुरू हुआ है कि किसी सरकार ने कोई निजी पावर प्लांट खरीदा है जबकि पहले सरकारें अपनी संपत्तियां चहेते व्यक्तियों को कौड़ियों के भाव बेच देती थी।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पंजाब सरकार 118 ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ स्थापित कर रही है जो स्मार्ट क्लासरूम, लैब और खेल सुविधाओं से लैस हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से प्री-प्राइमरी कक्षाओं में सरकारी स्कूलों में दाखिले में लगभग 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अध्यापकों की कुशलता को और निखारने के लिए विशेष कार्यक्रम शुरू किया गया है जिसके तहत अध्यापकों और प्रिंसिपलों को प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजा जा रहा है ताकि वे आधुनिक शिक्षण प्रथाओं से परिचित हो सकें जिससे विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में भविष्य के मुकाबलों के लिए तैयार किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने पद संभाला था, उस समय राज्य में सिंचाई के उद्देश्यों के लिए केवल 21 प्रतिशत नहरी पानी का उपयोग किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि आज 75 प्रतिशत नहरी पानी सिंचाई के उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी सरकार ने एक तरफ किसानों के लिए नहरी पानी की आपूर्ति को सुनिश्चित किया है, जो दशकों से इससे वंचित थे, और दूसरी तरफ भूमिगत कीमती पानी की बचत की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिक केंद्रित पहल में राज्य सरकार ने नागरिकों को उनके घर-घर जाकर सेवाएं प्रदान करने के लिए “भगवंत मान सरकार,तुहाडे दुआर” नामक योजना शुरू की। इस योजना तहत उन्होंने 43 नागरिक सेवाओं की पहचान की है जिससे लोगों का 99 प्रतिशत से अधिक काम हो जाता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि लोगों को उनके घर जाकर सेवाएं देने से बहुत लाभ होता है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकार राज्य में निवेश और औद्योगिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 85000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश लाया है और टाटा स्टील, सनातन टेक्सटाइल जैसी अन्य प्रमुख कंपनियों के साथ लगभग 3.50 लाख रोजगार के मौके पैदा होंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने औद्योगिक परियोजनाओं को मंजूरी देने में तेजी लाने को सुनिश्चित करने के लिए बिक्री विलेखों की पंजीकरण में हरे स्टांप पेपर भी पेश किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योग्य उम्मीदवारों को मेरिट पर सरकारी नौकरियां देने के प्रयासों को जारी रखते हुए अब तक राज्य के नौजवानों को 50,000 से अधिक सरकारी नौकरियां दी जा चुकी हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इससे नौजवानों को राज्य की सामाजिक-आर्थिक तरक्की में सक्रिय भागीदार बनाने में मदद मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए तेजी से अभियान जारी रखा हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाइन नंबर 9501200200 जारी किया है जिस पर कोई भी व्यक्ति यदि उससे कोई रिश्वत मांगता है तो अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पारदर्शी शासन को सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने भ्रष्टाचार के प्रति कोई रियायत न बरतने की नीति अपनाई हुई है और पंजाब विजिलेंस ब्यूरो द्वारा गजटेड अधिकारियों, गैर-गजटेड अधिकारियों और निजी व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई जिन्हें रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सड़क हादसे के पीड़ितों की जान बचाने और आम लोगों को हादसे के पीड़ितों की मदद करने के लिए बिना किसी डर के आगे आने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु ‘फरिश्ते’ योजना को अधिसूचित किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उनके नेक काम की हौसला अफजाई करने के लिए 2000 रुपए का वित्तीय इनाम देती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वित्तीय इनाम के अलावा ऐसे व्यक्तियों को एक प्रमाण पत्र भी जारी किया जाता है और उन्हें कानूनी पेचीदगियों और पुलिस पूछताछ से छूट दी जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग की कुशलता को और प्रभावी बनाने के लिए मानव शक्ति बढ़ाने हेतु राज्य सरकार ने पहले ही पंजाब पुलिस में हर साल 1800 कांस्टेबल और 300 सब इंस्पेक्टर भर्ती करने का फैसला किया है ताकि पुलिस कर्मचारियों की कमी को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि इन 2100 पदों के लिए भर्ती होने की उम्मीद में हर साल लगभग 2.50 लाख नौजवान कड़ी मेहनत करते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने पंजाब पुलिस में 10,000 नए पद सृजित करने का भी फैसला किया है, जिसके लिए अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि राज्य सरकार ने सभी कानूनी और प्रशासनिक अड़चनों को दूर करते हुए 12,710 शिक्षकों की सेवाओं को नियमित कर दिया है। उन्होंने कहा कि सेवाओं को नियमित करने से इन शिक्षकों को छुट्टियों समेत अन्य लाभों के साथ-साथ उनकी तनख्वाह में 5 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की एकता और अखंडता की रक्षा में सशस्त्र सेनाओं, अर्धसैनिक बलों, पुलिस जवानों और यहां तक कि अग्निवीरों के अथाह योगदान को मान्यता देते हुए राज्य सरकार जवानों के ड्यूटी के दौरान शहीद होने की स्थिति में परिवार को 1 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता देती है। उन्होंने कहा कि यह वित्तीय सहायता देश के लिए नायकों द्वारा की गई सर्वोच्च कुर्बानी के सम्मान के रूप में दी जाती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार का यह विनम्र प्रयास देश की एकता, अखंडता और प्रभुसत्ता को बनाए रखने के लिए इस धरती के सपूत के योगदान को मान्यता देता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों से लोगों ने राज्य सरकार की लोक-हितैषी नीतियों में विश्वास प्रकट किया है जिससे कर वसूली में बहुत वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि अब तक राज्य में 18 टोल प्लाजा बंद किए जा चुके हैं। इनमें से कई ने अवधि बढ़ाने की मांग की थी लेकिन उन्हें बड़े जनहित में साफ इनकार कर दिया गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन टोल प्लाजा के बंद होने से पंजाब में आम आदमी की जेब से रोजाना 63 लाख रुपए की बचत हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया भर में बसे एनआरआई पंजाबियों की सुविधा के लिए नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 3 पर अति-आधुनिक एनआरआई सुविधा केंद्र- “पंजाब सहायता केंद्र” खोला गया है। उन्होंने कहा कि यह केंद्र 24×7 काम करता है और टर्मिनल पर आने वाले सभी एनआरआई और अन्य यात्रियों को सहायता प्रदान करता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यात्री/रिश्तेदार हवाई अड्डे पर पहुंचने वाली उड़ानों, कनेक्टिंग उड़ानों, टैक्सी सेवाओं, खोए सामान जैसी सुविधाएं और अन्य आवश्यक सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने परेड कमांडर वनीत अहलावत, आईपीएस के नेतृत्व वाली परेड का निरीक्षण किया। उन्होंने पंजाब पुलिस, पंजाब होम गार्ड्स, आईटीबीपी, एनसीसी (लड़के और लड़कियां) रेड क्रॉस के अलावा पंजाब पुलिस ब्रास बैंड की टुकड़ियों द्वारा किए गए प्रभावशाली मार्च पास्ट से सलामी भी ली। इस मौके पर विभिन्न स्थानीय स्कूलों के विद्यार्थियों ने भंगड़ा, गिद्दा, ग्रुप डांस, पीटी शो और ग्रुप गायन सहित समेत देशभक्ति के जोश में रंगा-रंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
मुख्यमंत्री ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों और उनके रिश्तेदारों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए उन्हें सम्मानित भी किया। उन्होंने दिव्यांगों को ट्राइसाइकिल और गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को सिलाई मशीनें भी दी। इस मौके पर राज्य के समग्र विकास को दर्शाती झांकियां खासकर जिला प्रशासन की जनहितकारी पहलकदमियों को दर्शाती झांकी आकर्षण का केंद्र रही।
आज यहां के पोलो ग्राउंड में 76वें गणतंत्र दिवस मौके समारोह दौरान राष्ट्रीय तिरंगा फहराने के बाद सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब गुरुओं, पीरों-फकीरों, संतों-महापुरुषों और शहीदों की धरती है जो हमेशा भाईचारे और सांप्रदायिक सद्भावना की महान मूल्यों के लिए मानवता का मार्गदर्शन करती है। उन्होंने कहा कि राज्य में बहुत मेहनत से अमन-शांति हासिल की है और उनकी सरकार किसी को भी शांति भंग करने की इजाजत नहीं देगी। भगवंत सिंह मान ने इस नेक कार्य के लिए लोगों का सहयोग मांगा ताकि राज्य की शांति, तरक्की और खुशहाली को नुकसान पहुंचाने की साजिश रचने वाले दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके।
मुख्यमंत्री ने फूट डालने वाली ताकतों की निंदा करते हुए कहा कि उनके सांप्रदायिक विभाजन के मंसूबे किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब में सामाजिक एकता की जड़ें इतनी गहरी और मजबूत हैं कि राज्य की उपजाऊ जमीन में कुछ भी पैदा किया जा सकता है लेकिन यहां नफरत के बीज नहीं पनप सकते। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हालांकि राज्य में बड़ी कोशिशों से हासिल की गई अमन-शांति में कुछ लोग विघ्न डालने की कोशिशें कर रहे हैं लेकिन इसके जवाब में पंजाबियों ने आपसी मेलजोल, सद्भावना और एकता की डोर को और मजबूत किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत रत्न बाबा साहब डॉ. बी.आर. अंबेडकर के नेतृत्व में हमारे पूर्वजों द्वारा तैयार किया गया संविधान वर्ष 1950 में आज के दिन लागू होने से भारत प्रभुसत्ता संपन्न, समाजवादी, लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष गणराज्य बना। उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए वास्तव में गर्व के पल थे क्योंकि हमें वोट देने के अधिकार का उपयोग करने की ताकत मिली, जिससे हमारे पूर्वजों द्वारा ‘लोगों की, लोगों के लिए और लोगों द्वारा’ सरकार का देखा सपना पूरा करने का मौका मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 75 वर्षों दौरान हर गुजरते दिन के साथ देश में लोकतंत्र मजबूत हुआ है क्योंकि देशवासियों ने लोकतांत्रिक मूल्यों में अटूट विश्वास का प्रदर्शन किया और बिना किसी भय के मतदान कर स्पष्ट फैसला दिया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीयों खासकर पंजाबियों ने देश की कड़ी मेहनत से हासिल की प्रभुसत्ता को किसी भी तरह के खतरे का डटकर सामना किया है। उन्होंने कहा कि हमारे बहादुर देशभक्तों ने देश की शान और प्रभुसत्ता की रक्षा के लिए 1947, 1962, 1965, 1971 की जंग और फिर कारगिल युद्ध दौरान देश की रक्षा के लिए महान कुर्बानियां दी हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हम सभी के लिए यह बहुत ही गर्व और संतोष की बात है कि पंजाबियों को हमारे महान सिख गुरुओं से बलिदान और देशभक्ति का अद्वितीय जज्बा विरासत में मिला है, जिन्होंने हमें जुल्म, अत्याचार और अन्याय के खिलाफ लड़ने का उपदेश दिया है। एक स्वतंत्र और प्रभुसत्ता संपन्न भारतीय गणराज्य का हमारे पूर्वजों द्वारा देखा गया सपना देशवासियों द्वारा शक्तिशाली ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ लड़ाई दौरान दी गईं अनगिनत कुर्बानियों के कारण पूरा हुआ। भगवंत सिंह मान ने कहा कि भारत के राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में पंजाबियों द्वारा दी गईं बेमिसाल कुर्बानियों को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के हजारों अनगिनत नायकों खासकर पंजाब की धरती के सपूतों द्वारा स्वतंत्रता संग्राम में दिया गया अग्रणी योगदान किसी से छिपा नहीं है। इस बहादुरी ने लाखों अन्य लोगों को आजादी आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि देश की आबादी का सिर्फ दो प्रतिशत होने के बावजूद भारत के स्वतंत्रता संग्राम दौरान 80 प्रतिशत कुर्बानियां या निर्वासन पंजाबियों के हिस्से में आईं। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए चली कूका, गदर, किसान, पगड़ी संभाल और अन्य लहरों के अलावा पंजाब की धरती ने लाला लाजपत राय, दीवान सिंह कालेपानी और अन्य सपूतों को जन्म दिया, जिन्होंने देश को ब्रिटिश साम्राज्य की गुलामी की जंजीरों से आजाद करवाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद भगत सिंह, शहीद राजगुरु, शहीद सुखदेव, शहीद ऊधम सिंह और करतार सिंह सराभा की कुर्बानियों ने नौजवानों में ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ लड़ने की चिंगारी लगाई। इसी तरह जलियांवाला बाग का दुखांत जालिम ब्रिटिश राज के कफन में आखिरी कील साबित हुआ। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद बाहरी हमलों से देश की सीमाओं की रक्षा के अलावा पंजाबी हमेशा देश की खुशहाली और समग्र विकास में अग्रणी भूमिका में रहे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि संकट के समय भी हमने बहादुर पंजाबियों ने कभी पीठ नहीं दिखाई, बल्कि देश के संविधान में पूर्ण विश्वास रखकर लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों ने राज्य के सीमित प्राकृतिक संसाधनों के बावजूद देश को अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपना खून-पसीना बहाया है।
उन्होंने याद दिलाया कि जब आजादी के समय पूरा देश खुशी मना रहा था, तब सीमावर्ती राज्य होने के कारण पंजाब विभाजन का संताप झेल रहा था। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब हिंसक विभाजन के भयानक दौर से गुजरा जिसमें लाखों पंजाबियों ने अपनी जानें गंवा दीं, बेघर हो गए और बहुत सारे लोगों ने अपनी जमीनें और संपत्तियां खो दी।
हालांकि, मुख्यमंत्री ने दुख प्रकट किया कि आजादी के बाद पिछले साढ़े सात दशकों से अधिक समय में पंजाब को केंद्र की सरकारों की पक्षपाती और मारक नीतियों के कारण भेदभाव का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश को अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने वाले अनाज उत्पादकों को आज के दिन भी आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के नकारात्मक रवैये के कारण देश के अन्नदाताओं को अपनी मांगें पूरी करवाने के लिए अनशन जैसा दुर्भाग्यपूर्ण कदम उठाना पड़ता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ट्रैक्टर, जो कि ‘खेतों का राजा’ है, को केंद्र सरकार के बेरहम रवैये के कारण खेतों में अनाज पैदा करने की बजाय दिल्ली की सड़कों की ओर दौड़ना पड़ता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र को किसानों की मांगों को तुरंत स्वीकार करना चाहिए ताकि वे देश की सेवा और बेहतर तरीके से कर सकें। भगवंत सिंह मान ने कहा कि किसानों की दुर्दशा पर केंद्र सरकार की लंबी चुप्पी ने संवैधानिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले हर भारतीय को दुख पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पंजाब और इसके मेहनतकश लोगों के प्रति सौतेला व्यवहार बंद करना चाहिए।
केंद्र सरकार के पंजाब के प्रति भेदभावपूर्ण रवैये की एक और मिसाल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य का आरडीएफ का बकाया हिस्सा अभी तक जारी नहीं किया है जो कि 5500 करोड़ रुपए बनता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि केंद्र का यह कदम देश के संविधान में दर्ज देश के संघीय ढांचे के अनुकूल नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य भिखारी नहीं हैं और उन्हें परेशान करने की बजाय केंद्र द्वारा उन्हें फंड का जायज हिस्सा दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से उन्होंने पद संभाला है, उनकी सरकार शहीद भगत सिंह और बाबा साहब डॉ. बी.आर. अंबेडकर के आदर्शों पर चलकर काम कर रही है ताकि सभी की भलाई सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने के लिए कड़े प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के ठोस प्रयासों के कारण पंजाब आज देश में अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है और राज्य में तरक्की, खुशहाली और शांति का एक बेमिसाल दौर देखा जा सकता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने कई लोक-हितैषी और विकास-उन्मुख पहलकदमियां की हैं ताकि इस देश के निर्माताओं के सपनों को साकार किया जा सके और लोग अच्छा जीवन बिता सकें।
पंजाब सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत गर्व और संतोष की बात है कि पंजाब न केवल देश में बल्कि दुनिया भर में गन्ने का सबसे अधिक मूल्य प्रति क्विंटल 401 रुपए दे रहा है जिससे गन्ना उत्पादकों को बहुत लाभ हो रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार की प्रतिबद्धता अनुसार गन्ने का सबसे अधिक मूल्य देने में पंजाब, देश का नेतृत्व करता रहेगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा गन्ना किसानों को अच्छा मूल्य दिया है और यह प्रयास भविष्य में भी जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने देश में अपनी तरह की अनूठी पहल करते हुए समर्पित ‘सड़क सुरक्षा बल’ का गठन किया है जो राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने और कीमती जानें बचाने की ड्यूटी निभाती है। उन्होंने कहा कि पिछले साल अपनी शुरुआत के बाद इस बल ने सड़क हादसों में 48 प्रतिशत जानें बचाई हैं और सड़क हादसों दौरान घायल हुए लोगों के कीमती सामान और पैसे वापस किए हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह बल 4200 किलोमीटर हाईवे पर तैनात की गई है। यह बल निर्धारित क्षेत्रों में गश्त करने के अलावा ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन और ऐसी अन्य गतिविधियों को रोकने के लिए काम करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने पंजाब भर में 881 आम आदमी क्लीनिक स्थापित किए हैं जिन्होंने राज्य में स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में क्रांति ला दी है। उन्होंने कहा कि अब तक राज्य में 2.70 करोड़ से अधिक लोग इन क्लीनिकों का लाभ ले चुके हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि शुरुआत से ही इन क्लीनिकों में बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं जो दर्शाते हैं कि राज्य के हर तीसरे व्यक्ति ने इन क्लीनिकों का लाभ उठाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2022 में लोगों को मुफ्त बिजली प्रदान करने की गारंटी शुरू की थी और तब से राज्य के 90 प्रतिशत घरों को मुफ्त बिजली मिल रही है और उन्हें ज़ीरो बिजली बिल मिले हैं। उन्होंने कहा कि इससे गरीब घरों के लिए बड़ी राशि की बचत होने से आम आदमी की जेब पर बड़ा बोझ घटा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह भी बहुत गर्व और संतोष की बात है कि घरेलू उपभोक्ताओं के साथ-साथ देश के अनाज उत्पादकों को भी राज्य में मुफ्त और निर्बाध बिजली मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च, 2022 में जब उन्होंने पद संभाला था और कुछ महीनों बाद उन्हें पछवाड़ा कोयला खदान से कोयले की आपूर्ति फिर से शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गोइंदवाल पावर प्लांट को निजी कंपनी जी.वी.के. पावर से खरीदकर इतिहास रचा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पहली बार यह उलटा रुझान शुरू हुआ है कि किसी सरकार ने कोई निजी पावर प्लांट खरीदा है जबकि पहले सरकारें अपनी संपत्तियां चहेते व्यक्तियों को कौड़ियों के भाव बेच देती थी।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पंजाब सरकार 118 ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ स्थापित कर रही है जो स्मार्ट क्लासरूम, लैब और खेल सुविधाओं से लैस हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से प्री-प्राइमरी कक्षाओं में सरकारी स्कूलों में दाखिले में लगभग 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अध्यापकों की कुशलता को और निखारने के लिए विशेष कार्यक्रम शुरू किया गया है जिसके तहत अध्यापकों और प्रिंसिपलों को प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजा जा रहा है ताकि वे आधुनिक शिक्षण प्रथाओं से परिचित हो सकें जिससे विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में भविष्य के मुकाबलों के लिए तैयार किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने पद संभाला था, उस समय राज्य में सिंचाई के उद्देश्यों के लिए केवल 21 प्रतिशत नहरी पानी का उपयोग किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि आज 75 प्रतिशत नहरी पानी सिंचाई के उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी सरकार ने एक तरफ किसानों के लिए नहरी पानी की आपूर्ति को सुनिश्चित किया है, जो दशकों से इससे वंचित थे, और दूसरी तरफ भूमिगत कीमती पानी की बचत की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिक केंद्रित पहल में राज्य सरकार ने नागरिकों को उनके घर-घर जाकर सेवाएं प्रदान करने के लिए “भगवंत मान सरकार,तुहाडे दुआर” नामक योजना शुरू की। इस योजना तहत उन्होंने 43 नागरिक सेवाओं की पहचान की है जिससे लोगों का 99 प्रतिशत से अधिक काम हो जाता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि लोगों को उनके घर जाकर सेवाएं देने से बहुत लाभ होता है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकार राज्य में निवेश और औद्योगिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 85000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश लाया है और टाटा स्टील, सनातन टेक्सटाइल जैसी अन्य प्रमुख कंपनियों के साथ लगभग 3.50 लाख रोजगार के मौके पैदा होंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने औद्योगिक परियोजनाओं को मंजूरी देने में तेजी लाने को सुनिश्चित करने के लिए बिक्री विलेखों की पंजीकरण में हरे स्टांप पेपर भी पेश किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योग्य उम्मीदवारों को मेरिट पर सरकारी नौकरियां देने के प्रयासों को जारी रखते हुए अब तक राज्य के नौजवानों को 50,000 से अधिक सरकारी नौकरियां दी जा चुकी हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इससे नौजवानों को राज्य की सामाजिक-आर्थिक तरक्की में सक्रिय भागीदार बनाने में मदद मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए तेजी से अभियान जारी रखा हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाइन नंबर 9501200200 जारी किया है जिस पर कोई भी व्यक्ति यदि उससे कोई रिश्वत मांगता है तो अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पारदर्शी शासन को सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने भ्रष्टाचार के प्रति कोई रियायत न बरतने की नीति अपनाई हुई है और पंजाब विजिलेंस ब्यूरो द्वारा गजटेड अधिकारियों, गैर-गजटेड अधिकारियों और निजी व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई जिन्हें रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सड़क हादसे के पीड़ितों की जान बचाने और आम लोगों को हादसे के पीड़ितों की मदद करने के लिए बिना किसी डर के आगे आने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु ‘फरिश्ते’ योजना को अधिसूचित किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उनके नेक काम की हौसला अफजाई करने के लिए 2000 रुपए का वित्तीय इनाम देती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वित्तीय इनाम के अलावा ऐसे व्यक्तियों को एक प्रमाण पत्र भी जारी किया जाता है और उन्हें कानूनी पेचीदगियों और पुलिस पूछताछ से छूट दी जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग की कुशलता को और प्रभावी बनाने के लिए मानव शक्ति बढ़ाने हेतु राज्य सरकार ने पहले ही पंजाब पुलिस में हर साल 1800 कांस्टेबल और 300 सब इंस्पेक्टर भर्ती करने का फैसला किया है ताकि पुलिस कर्मचारियों की कमी को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि इन 2100 पदों के लिए भर्ती होने की उम्मीद में हर साल लगभग 2.50 लाख नौजवान कड़ी मेहनत करते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने पंजाब पुलिस में 10,000 नए पद सृजित करने का भी फैसला किया है, जिसके लिए अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि राज्य सरकार ने सभी कानूनी और प्रशासनिक अड़चनों को दूर करते हुए 12,710 शिक्षकों की सेवाओं को नियमित कर दिया है। उन्होंने कहा कि सेवाओं को नियमित करने से इन शिक्षकों को छुट्टियों समेत अन्य लाभों के साथ-साथ उनकी तनख्वाह में 5 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की एकता और अखंडता की रक्षा में सशस्त्र सेनाओं, अर्धसैनिक बलों, पुलिस जवानों और यहां तक कि अग्निवीरों के अथाह योगदान को मान्यता देते हुए राज्य सरकार जवानों के ड्यूटी के दौरान शहीद होने की स्थिति में परिवार को 1 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता देती है। उन्होंने कहा कि यह वित्तीय सहायता देश के लिए नायकों द्वारा की गई सर्वोच्च कुर्बानी के सम्मान के रूप में दी जाती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार का यह विनम्र प्रयास देश की एकता, अखंडता और प्रभुसत्ता को बनाए रखने के लिए इस धरती के सपूत के योगदान को मान्यता देता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों से लोगों ने राज्य सरकार की लोक-हितैषी नीतियों में विश्वास प्रकट किया है जिससे कर वसूली में बहुत वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि अब तक राज्य में 18 टोल प्लाजा बंद किए जा चुके हैं। इनमें से कई ने अवधि बढ़ाने की मांग की थी लेकिन उन्हें बड़े जनहित में साफ इनकार कर दिया गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन टोल प्लाजा के बंद होने से पंजाब में आम आदमी की जेब से रोजाना 63 लाख रुपए की बचत हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया भर में बसे एनआरआई पंजाबियों की सुविधा के लिए नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 3 पर अति-आधुनिक एनआरआई सुविधा केंद्र- “पंजाब सहायता केंद्र” खोला गया है। उन्होंने कहा कि यह केंद्र 24×7 काम करता है और टर्मिनल पर आने वाले सभी एनआरआई और अन्य यात्रियों को सहायता प्रदान करता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यात्री/रिश्तेदार हवाई अड्डे पर पहुंचने वाली उड़ानों, कनेक्टिंग उड़ानों, टैक्सी सेवाओं, खोए सामान जैसी सुविधाएं और अन्य आवश्यक सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने परेड कमांडर वनीत अहलावत, आईपीएस के नेतृत्व वाली परेड का निरीक्षण किया। उन्होंने पंजाब पुलिस, पंजाब होम गार्ड्स, आईटीबीपी, एनसीसी (लड़के और लड़कियां) रेड क्रॉस के अलावा पंजाब पुलिस ब्रास बैंड की टुकड़ियों द्वारा किए गए प्रभावशाली मार्च पास्ट से सलामी भी ली। इस मौके पर विभिन्न स्थानीय स्कूलों के विद्यार्थियों ने भंगड़ा, गिद्दा, ग्रुप डांस, पीटी शो और ग्रुप गायन सहित समेत देशभक्ति के जोश में रंगा-रंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
मुख्यमंत्री ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों और उनके रिश्तेदारों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए उन्हें सम्मानित भी किया। उन्होंने दिव्यांगों को ट्राइसाइकिल और गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को सिलाई मशीनें भी दी। इस मौके पर राज्य के समग्र विकास को दर्शाती झांकियां खासकर जिला प्रशासन की जनहितकारी पहलकदमियों को दर्शाती झांकी आकर्षण का केंद्र रही।
More Stories
ਸੌਂਦ ਦੀ ਅਗਵਾਈ ਹੇਠ ਫਤਹਿਗੜ੍ਹ ਸਾਹਿਬ ਸਥਿਤ ਜਹਾਜ਼ ਹਵੇਲੀ ਦੀ ਮੁੜ ਬਹਾਲੀ ਅਤੇ ਸਾਂਭ ਸੰਭਾਲ ਲਈ ਉੱਚ ਪੱਧਰੀ ਮੀਟਿੰਗ
पंजाब विधानसभा स्पीकर स कुलतार सिंह संधवा द्वारा बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के साथ बेअदबी की की निंदा
डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा की बेअदबी की कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. द्वारा कड़ी निंदा