उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता ने विजीलैंस ब्यूरो से संपर्क कर आरोप लगाया कि उक्त एएसआई उसके और उसके दो बेटों के खिलाफ थाना औड़ में दर्ज मामले में मदद करने के बदले 30,000 रुपये रिश्वत मांग रहा है। शिकायतकर्ता ने रिश्वत के लेन-देन संबंधी उक्त एएसआई प्रशोतम लाल से अलग-अलग तारीखों पर हुई बातचीत भी रिकॉर्ड कर ली थी।
विजीलैंस ब्यूरो द्वारा की गई जांच के दौरान उक्त आरोपी कर्मचारी द्वारा शिकायतकर्ता से 30,000 रुपये रिश्वत मांगने और अलग-अलग तारीखों पर 15,000 रुपये रिश्वत लेने के संबंध में लगाए गए आरोप सही पाए गए। इसके बाद आरोपी एएसआई प्रशोतम लाल के खिलाफ विजीलैंस ब्यूरो के थाना जालंधर रेंज में भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 7 और भारतीय दंड संहिता की धारा 308(2) के तहत एफआईआर नंबर 22, दिनांक 30.09.2024 दर्ज की गई थी।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि उक्त आरोपी एएसआई ने शिकायतकर्ता के माध्यम से थाना औड़ में दर्ज एक अन्य मामला नंबर 50, दिनांक 01.07.2024 के आरोपी अमनप्रीत उर्फ माने और मामला नंबर 58, दिनांक 24.07.2024 के आरोपी जोगा राम और हरजिंदर कौर से भी रिश्वत ली थी।
गौरतलब है कि आरोपी एएसआई प्रशोतम लाल को आज अदालत में पेश कर एक दिन का रिमांड हासिल किया गया है। इस मामले की आगे की जांच जारी है.
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