
— युद्ध नशों विरुद्ध के सातवें दिन राज्यभर में 687 छापेमारियों के बाद 111 नशा तस्कर गिरफ्तार
— दिनभर चले ऑपरेशन के दौरान 86 एफआईआर दर्ज, 1.2 किलोग्राम हेरोइन, 9.8 किलोग्राम अफीम, 1.32 लाख रुपये की ड्रग मनी बरामद
— मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशानुसार पंजाब पुलिस, पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध
— पुलिस टीमों ने ऑपरेशन सील के तहत राज्य में प्रवेश करने/बाहर जाने वाले 3938 वाहनों की की जांच; 471 चालान किए गए, 11 वाहन जब्त
— 108 गजटेड रैंक अधिकारियों की अगुवाई में 250 से अधिक पुलिस टीमों ने 787 संदिग्ध व्यक्तियों की जांच की: स्पेशल डीजीपी अर्पित शुक्ला
चंडीगढ़-Prime Punjab
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देश पर राज्य से नशे की लानत को पूरी तरह खत्म करने के लिए चल रही युद्ध नशों विरुद्ध मुहिम को लगातार सातवें दिन जारी रखते हुए, पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को एक विशेष ऑपरेशन ऑपरेशन सील-9 चलाया। इस ऑपरेशन का उद्देश्य सीमावर्ती राज्य पंजाब में प्रवेश करने या बाहर जाने वाले सभी वाहनों की जांच करना था, ताकि नशा तस्करों और शराब तस्करों पर कड़ी नजर रखी जा सके।
पुलिस महानिदेशक (डी जी पी) पंजाब गौरव यादव के निर्देशानुसार, सभी सीमावर्ती जिलों में सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक चले इस ऑपरेशन के दौरान सभी एसएसपी को निर्देश दिए गए थे कि सीमावर्ती जिलों के रणनीतिक स्थानों पर विशेष नाके लगाए जाएं और गजटेड अधिकारियों/एसएचओ की निगरानी में सीलिंग प्वाइंट्स पर मजबूत ‘नाकाबंदी’ करने के लिए अधिकतम पुलिस बल जुटाया जाए।
इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए, स्पेशल डीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) अर्पित शुक्ला ने बताया कि चार सीमावर्ती राज्यों और यूटी चंडीगढ़ के साथ सीमाएं साझा करने वाले 10 जिलों में लगभग 84 प्रवेश/निकासी बिंदुओं पर इंस्पेक्टर/डीएसपी की निगरानी में 1000 से अधिक पुलिसकर्मियों के साथ मजबूत नाके लगाए गए। ये 10 अंतर-राज्यीय सीमावर्ती जिले हैं— पठानकोट, श्री मुक्तसर साहिब, फाजिल्का, रोपड़, एसएएस नगर, पटियाला, संगरूर, मानसा, होशियारपुर और बठिंडा।
उन्होंने बताया कि राज्य में प्रवेश करने/बाहर जाने वाले 3938 वाहनों की जांच की गई, जिनमें से 471 के चालान किए गए और 11 वाहनों को जब्त किया गया।
इसके अलावा, पुलिस टीमों ने नशे के खिलाफ अपनी घेराबंदी और तलाशी मुहिम (कासो) जारी रखी और शुक्रवार को 687 स्थानों पर छापेमारी की। इसके परिणामस्वरूप, राज्यभर में 86 एफआईआर दर्ज होने के बाद 111 नशा तस्कर गिरफ्तार किए गए। इस तरह, एक हफ्ते के भीतर गिरफ्तार किए गए कुल नशा तस्करों की संख्या 884 हो गई है।
स्पेशल डीजीपी ने बताया कि छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किए गए नशा तस्करों के कब्जे से 1.2 किलोग्राम हेरोइन, 9.8 किलोग्राम अफीम, 3.3 किलोग्राम गांजा, 46 किलोग्राम भुक्की, 7091 नशीली गोलियां/इंजेक्शन और 1.32 लाख रुपये की ड्रग मनी बरामद की गई है।
उन्होंने बताया कि 111 गजटेड अधिकारियों की निगरानी में 2000 से अधिक पुलिसकर्मियों वाली 250 के करीब पुलिस टीमों ने राज्यभर में छापेमारी की और 787 संदिग्ध व्यक्तियों की जांच की।
उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस ने एक व्यापक रणनीति तैयार की है और ऐसे ऑपरेशन तब तक जारी रहेंगे जब तक राज्य से नशे की लानत पूरी तरह खत्म नहीं हो जाती।
स्पेशल डीजीपी ने कहा कि राज्य सरकार ने नशे की समस्या के समाधान के लिए तीन-स्तरीय रणनीति— प्रवर्तन (इंफोर्समेंट), नशा मुक्ति (डी-एडिक्शन) और रोकथाम (प्रिवेंशन) लागू की है। इसके तहत, पंजाब पुलिस ने नशा छुड़ाओ अभियान के हिस्से के रूप में दो व्यक्तियों को नशा छुड़ाने और पुनर्वास केंद्र में इलाज के लिए तैयार किया है। वहीं, रोकथाम के तहत मंगलवार को राज्यभर में 189 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
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