दुष्कर्म और मौत के मामले में पुलिस जांच से संतुष्ट नहीं हाईकोर्ट, सीबीआई को सौंपी जांच

चंडीगढ़-प्राइम पंजाब
एक मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को आदेश दिया है कि दोनों एफआईआर का पूरा रिकॉर्ड सीबीआई को सौंप दिया जाए और सीबीआई इस मामले की जांच कर अगली सुनवाई तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे। हाईकोर्च ने दोनों एफआईआर की जांच सीबीआई को सौंप दी है। कोर्ट ने इस मामले में दर्ज दोनों एफआईआर की जांच कर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का सीबीआई को आदेश दिया है।
हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए जमानत देने व हत्या के मामले में आरोप पत्र दाखिल करने को चुनौती दी गई। कोर्ट को बताया गया कि इस मामले में पहली एफआईआर अपहरण की दर्ज हुई थी। बाद में एक अन्य एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें दुष्कर्म व बाकी धाराएं जोड़ी गई थीं। दूसरी एफआईआर महिला की सास ने दर्ज करवाई थी। इसमें शमशेर व अन्य पर शिकायतकर्ता व उसकी बहू दोनों से दुष्कर्म का आरोप लगाया गया था। इस मामले में ट्रायल के दौरान निचली अदालत को बताया गया कि पीडि़ता को आरोपी ने जहर की गोली दी थी। जिसे खाकर उसकी मौत हो चुकी है। ट्रायल कोर्ट ने इस पर हैरानी जताते हुए कहा था कि कैसे एक पीडि़ता की आप्रकृतिक मौत के 15 दिन बीत जाने के बावजूद जांच एजेंसी खामोश रही। अदालत जांच एजेंसी द्वारा की गई घटिया जांच के प्रति मूकदर्शक नहीं बनी रह सकती। ट्रायल कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 328 (अपराध करने के इरादे से जहर आदि के माध्यम से चोट पहुंचाना) के तहत आरोप तय किए। ट्रायल कोर्ट ने दोनों मामले की एफआईआर को क्लब करने और संयुक्त ट्रायल करने का भी आदेश दिया था।
मामले की सुनवाई पर पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने माना था कि मृत महिला की मौत के संबंध में दो अलग-अलग पक्ष सामने आए हैं। मामले की पूरी तरह से जांच करने के लिए एक स्वतंत्र जांच एजेंसी की सहायता की आवश्यकता है। हरियाणा सरकार की ओर से कहा गया कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है, इसलिए अब जांच सीबीआई को सौंपने से कोई उपयोगी उद्देश्य पूरा नहीं होगा।हाईकोर्ट ने दलील को खारिज करते हुए कहा कि सरकार की ओर से दायर किया गया जवाब संतोषजनक न होकर टालमटोल करने वाला है। सीबीआई के वकील ने इस मामले में कहा कि अगर अदालत उन्हें जांच सौंपती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि दोनों एफआईआर का पूरा रिकॉर्ड सीबीआई को सौंप दिया जाए और सीबीआई इस मामले की जांच कर अगली सुनवाई तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे।