पंजाब पुलिस ने राज्य में अर्श डल्ला के नेटवर्क को सफलतापूर्वक खत्म किया
गिरफ्तार आरोपी शिमला सिंह ने गुरप्रीत सिंह हरी नौ के हत्या केस में शामिल शूटरों को लॉजिस्टिक सहायता भी प्रदान की थी: डीजीपी गौरव यादव
अप्रैल 2023 में, आरोपी शिमला सिंह को तीन पिस्तौलों समेत किया गया था काबू: डीजीपी पंजाब
चंडीगढ़/मानसा : Prime Punjab
गैंगस्टर से आतंकी बने अर्श डल्ला के नेटवर्क को एक और झटका देते हुए, काउंटर इंटेलिजेंस (सी.आई.) बठिंडा की टीम ने मानसा पुलिस के साथ संयुक्त अभियान में मानसा ग्रेनेड हमले के मुख्य आरोपी शिमला सिंह, जिसने अर्श डल्ला के निर्देश पर पेट्रोल पंप पर ग्रेनेड फेंका था, को गिरफ्तार कर इस मामले को सुलझा लिया है। यह जानकारी आज यहां पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने दी।
यह सफलता गुरप्रीत सिंह हरी नौ उर्फ भोडी, जिसे आतंकी अर्श डल्ला के इशारे पर 9 अक्टूबर, 2024 को मार दिया गया था, के हत्या में शामिल दो शूटरों – बरनाला के अनमोलप्रीत सिंह उर्फ विशाल और खरड़ के नवजोत सिंह उर्फ नीतू – की गिरफ्तारी के 72 घंटों के कम समय के अंदर हासिल हुई है।
जानकारी के अनुसार, 26 और 27 अक्टूबर, 2024 की दरम्यानी रात को मानसा के सिरसा रोड स्थित जियो के पेट्रोल पंप स्टेशन पर हैंड ग्रेनेड हमला किया गया था। धमाके के बाद पेट्रोल पंप के मालिक को एक विदेशी मोबाइल नंबर से धमकी भरी कॉल भी आई थी, जिसमें कॉल करने वाले ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए 5 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि आरोपी शिमला सिंह ने मानसा ग्रेनेड हमले में अपनी भूमिका कबूलते हुए खुलासा किया कि उसने आतंकी अर्श डल्ला के निर्देश पर गढ़शंकर इलाके से यह ग्रेनेड प्राप्त किया था।
उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी शिमला सिंह ने गुरप्रीत सिंह हरी नौ हत्याकांड में शामिल शूटरों को लॉजिस्टिक सहायता भी प्रदान की थी।
डीजीपी ने कहा कि आरोपी शिमला सिंह पहले भी विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में शामिल था और अप्रैल 2023 में सीआई बठिंडा ने शिमला सिंह को तीन पिस्तौलों समेत गिरफ्तार कर उत्तराखंड के एक व्यक्ति को निशाना बनाने की उसकी योजना को नाकाम कर दिया था। उन्होंने आगे कहा कि साजिश के अगले-पिछले संबंधों का पता लगाने के लिए और पूछताछ जारी है तथा इस मामले में और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए एसएसपी मानसा भागीरथ सिंह मीना ने बताया कि उक्त मामले की आगे की जांच के लिए एसपी इन्वेस्टिगेशन मानसा मनमोहन सिंह औलख की अध्यक्षता में एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया था। एसआईटी ने सीआई बठिंडा के साथ तालमेल कर तुरंत कार्रवाई करते हुए वैज्ञानिक तरीके से जांच की।
एआईजी सीआई बठिंडा अवनीत कौर ने बताया कि सीआई बठिंडा और मानसा पुलिस की टीमों ने संयुक्त रूप से आरोपी शिमला सिंह को मानसा के खोखर रोड से उस समय गिरफ्तार किया जब वह पैदल कहीं जा रहा था।
इस संबंध में पहले ही भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 308(4) और 351, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 10 के तहत थाना सिटी-1 मानसा में एफआईआर नंबर 139, दिनांक 27.10.2024 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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