युद्ध नशों विरुद्ध : पंजाब के स्कूलों और संवेदनशील स्थानों पर शुरू होगा नशा विरोधी जागरूकता कोर्स

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशानुसार, पंजाब पुलिस नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध

पंजाब पुलिस ने नशा जागरूकता कार्यक्रम तैयार करने के लिए पंजाबी यूनिवर्सिटी और ई.एम.आर.सी. के साथ समझौता किया

10 घंटे के इस कोर्स में व्याख्यान, ऑडियो-विजुअल सामग्री और इंटरैक्टिव सत्र शामिल होंगे, जो नशे की रोकथाम से संबंधित सभी पहलुओं को कवर करेगा: डीजीपी गौरव यादव

अगले शैक्षणिक सत्र में कोर्स शुरू होने की उम्मीद: एडीजीपी एएनटीएफ नीलाभ किशोर

चंडीगढ़, 7 मार्च: Prime-Punjab
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों पर शुरू किए गए अभियान “युद्ध नशों विरुद्ध” के तहत युवाओं को नशे की चपेट में आने से बचाने के उद्देश्य से पंजाब पुलिस ने अपनी तरह की पहली पहल की है। इसके तहत, पंजाब पुलिस ने पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला और एजुकेशनल मल्टीमीडिया रिसर्च सेंटर (ईएमआरसी) के साथ साझेदारी की है, जिसके अंतर्गत राज्यभर के स्कूलों और संवेदनशील स्थानों पर 10 घंटे का व्यापक नशा विरोधी जागरूकता कोर्स शुरू किया जाएगा।

पंजाब पुलिस मुख्यालय में, डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव की उपस्थिति में एडीजीपी एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) नीलाभ किशोर, पंजाबी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रो. (डॉ.) संजीव पुरी और ईएमआरसी पटियाला के निदेशक दलजीत अमी के बीच यह समझौता हस्ताक्षरित किया गया।

डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि यह रणनीतिक साझेदारी राज्य में व्यापक स्तर पर चलाई जा रही नशा विरोधी मुहिम “युद्ध नशों विरुद्ध” का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य युवाओं और समाज की सुरक्षा के लिए एक संगठित नशा जागरूकता कार्यक्रम शुरू करना है।

उन्होंने बताया कि इस 10 घंटे के कोर्स को रोचक और जानकारीपूर्ण बनाने के लिए इसमें व्याख्यान, ऑडियो-विजुअल सामग्री और इंटरैक्टिव सत्र शामिल किए जाएंगे, जो नशे की रोकथाम से संबंधित सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को कवर करेंगे।

उन्होंने यह भी बताया कि यह कोर्स राज्यभर के स्कूलों और संवेदनशील क्षेत्रों में छात्रों और युवाओं के लिए शुरू किया जाएगा। इस कोर्स को पूरा करने वाले प्रतिभागियों को एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा, जो नशा मुक्त रहने की उनकी प्रतिबद्धता को मान्यता देगा।

इस संबंध में और जानकारी साझा करते हुए एडीजीपी नीलाभ किशोर ने बताया कि इस समझौते के तहत डिजिटल सामग्री ईएमआरसी और पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला द्वारा तैयार की जाएगी, जबकि एएनटीएफ पंजाब इस सामग्री को अंतिम रूप देगा। इसके अलावा, सामग्री की संरचना, विस्तार और वितरण की निगरानी के लिए एक संपादकीय बोर्ड नियुक्त किया जाएगा।

उन्होंने आगे कहा कि एएनटीएफ स्क्रिप्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की पहचान करेगा और यह सामग्री अंग्रेजी के साथ-साथ पंजाबी भाषा में भी तैयार की जाएगी।

एडीजीपी नीलाभ किशोर ने बताया कि यह कोर्स अगले शैक्षणिक सत्र में शुरू होने की उम्मीद है और इसे औपचारिक एवं अनौपचारिक शिक्षा प्रणाली दोनों में शामिल किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि स्कूली पाठ्यक्रम में “नशा विरोधी जागरूकता और रोकथाम” को शामिल करने से छात्रों को नशे के खतरों के बारे में जागरूक करने में मदद मिलेगी।

इस अवसर पर डीआईजी एएनटीएफ एस.के. रामपाल, पंजाबी यूनिवर्सिटी से प्रो. (डॉ.) ममता शर्मा और डीएसपी एएनटीएफ तरविंदर सिंह भी उपस्थित थे।

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